Apple beverage users will now be able to spend in these currencies including bitcoin know how

एप्पल पेय यूजर्स अब बिटकॉइन समेत इन करेंसी में कर सकेंगे खर्च, जानें कैसे

नई दिल्ली. टेक्‍नोलॉजी के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकसान हैं. कहावत है कि हर टेक्‍नोलॉजी अपने साथ कुछ मुसीबतें लेकर भी आती है. पिछले कुछ साल से मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट के इस्‍तेमाल की वजह से प्राइवेसी को खतरे की समस्‍या पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी है. ज्‍यादातर देश अपने यूजर्स के निजता के अधिकार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. भारत समेत कई देश इसे लेकर सख्‍त कानून बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. वहीं, मोबाइल कंपनियां भी डाटा सेफ्टी के लिए नए-नए उपाय कर रही हैं. इसी बीच अब ऐसे स्‍पाई सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी सामने आई है, जो 24 घंटे और 365 दिन आप की हर गतिविधि पर नजर रख सकता है.

मोबाइल यूजर्स फेस लॉक, फिंगर प्रिंट लॉक और सभी ऐप के लिए लॉक का इस्‍तेमाल कर निश्चिंत हो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तमाम लॉक्‍स के बाद भी ये स्‍पाई सॉफ्टवेयर आपके स्‍मार्टफोन में घुसपैठ कर आपकी बातचीत से लेकर सोशल मीडिया चैट और टैक्‍स्‍ट मेसेजेज तक सब देख-सुन सकते हैं. इस सबके लिए इस सॉफ्टवेयर को आपके पासवर्ड की भी जरूरत नहीं पड़ती है. मार्केट में आज कई ऐसी कंपनियां है जो कुछ रुपये के लिए किसी के भी फोन को सर्विलांस पर डाल रही हैं. अगर आप ये सोच रहे हैं कि इस तरह के सॉफ्टवेयर और ऐप एंड्रॉयड फोन या विंडोज लैपटॉप में आसानी से इंस्टॉल होंगे, लेकिन इनके लिए आईफोन और मैक में घुसपैठ करना नामुमकिन है तो आप यहां भी गलत हैं. ये स्पाई कंपनियां अब किसी भी तरह के सिस्टम में आसानी से घुस जाती हैं.

लाइव सुन सकते हैं बात, कैमरे भी कर सकते हैं एक्सेस

मार्केट में कई कंपनियां पैकेज के हिसाब से पैसा लेती हैं और आपकी डिमांड के मुताबिक निगरानी व्‍यवस्‍था कर देती हैं. आसान शब्‍दों में समझें तो अगर आप किसी की फोन पर की जाने वाली बातचीत सुनना चाहते हैं तो उसका चार्ज अलग होगा. वहीं, अगर आप बातचीत के साथ टैक्‍स्‍ट मेसेज भी पढ़ना चाहते हैं तो चार्ज अलग होंगे. इसमें वॉइस रिकॉर्डिंग की भी व्‍यवस्‍था आपको उपलब्‍श कराई जा सकती है. वहीं, अगर आप किसी की सोशल मीडिया साइट्स पर गतिविधियों की निगरानी चाहते हैं तो उसके लिए अलग भुगतान करना होगा. वहीं, इन सभी तरह की निगरानी के लिए पूरा पैकेज भी ले सकते हैं. यही नहीं, आपकी जीपीएस लोकेशन, मोबाइल पर क्लिक किए फोटो और मोबाइल को रिमोट पर लेकर आसपास चल रही बातचीत को लाइव सुनने और कैमरे को ऑन कर लाइव रिकॉर्डिंग करने का विकल्प भी दिया जा रहा है.

30 सेंकड में डाउनलोड और पता भी नहीं चलता

फोन को स्पाई करने के टेक्नोलॉजी बहुत ही तेज हो गई है. कंपनियां दावा करती हैं कि उनका सॉफ्टवेयर टारगेट के फोन में सिर्फ 30 सेकेंड में डाउनलोड हो जाता है और उसका कोई आईकन भी नहीं दिखता. इससे यूजर को शक नहीं होता और वो सॉफ्टवेयर को डिलीट नहीं कर पाता. एक बार इंस्टॉल करने के बाद आप अपने मोबाइल, डेस्कटॉप या लैपटॉप से सामने वाले पर नजर रख सकते हैं.

गैरकानूनी फिर भी कंपनियां दे रहीं सर्विस

आईटी मामलों के विशेषज्ञ आकाश हजारे कहते हैं कि मार्केट में कई कंपनियां इस तरह की सर्विस दे रही हैं. आप सोच भी नहीं सकते कि कोई आप पर 24 घंटे नजर रख सकता है. ऐसे में सवाल आता है कि जब कानूनन किसी के मोबाइल में घुसपैठ करना गलत है तो कंपनियां ऐसा कैसे कर रही हैं. इसका सीधा जवाब है कि कंपनी इस तरह के एप्लीकेशन सिर्फ बच्चों पर नजर रखने के लिए देती हैं. साथ ही कंपनी के अनुबंध में साफ होता है कि आप इसका गलत इस्तेमाल नहीं करेंगे. हालांकि, ये सिर्फ दिखावा होता है. ज्‍यादातर मामलों में शिकायत होती नहीं है, क्‍योंकि टारगेट को पता ही नहीं चलता कि उस पर नजर रखी जा रही है.

ऐसे पता करें अपने स्‍मार्टफोन में घुसपैठ का

आकाश कहते हैं कि वैसे तो ऐसे सॉफ्टवेयर एक बार इंस्टॉल हो जाएं तो इन्हें ढूंढ निकालना करीब-करीब नामुमकिन होता है, लेकिन कुछ तरीकों से इनका पता लगाया जा सकता है. अगर आपको लगे कि फोन अचानक बंद हो रहा है, बैटरी ज्यादा जल्दी डिस्चार्ज हो रही है, कॉल के दौरान बैग्राउंड नॉइस ज्यादा आ रहा है, डाटा यूज बढ़ गया है तो अलर्ट हो जाएं. वहीं, अपने स्‍मार्टफोन को समय-समय पर चेक करते रहें और ऐसा सॉफ्टवेयर या ऐप जो आपने डाउनलोड नहीं किया है तो उसे डिलीट व इंस्‍टॉल कर दें.

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