Amit Shah said- India is not a Dharamshala Immigration Bill passed in Lok Sabha

अमित शाह ने कहा- भारत कोई धर्मशाला नहीं, लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पास

हाल ही में भारतीय लोकसभा में इमिग्रेशन बिल (Immigration Bill) को पास किया गया, जिसे देश के गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया था। इस बिल के पास होते ही देश में एक नया राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा गर्मा गया है। अमित शाह ने इस बिल को लेकर संसद में अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार का धर्मशाला नहीं है, जहां हर कोई बिना सोचे-समझे आकर बस सकता है। इस बिल के तहत इमिग्रेशन के नियमों को और सख्त किया गया है, जिससे केवल योग्य और कानूनी तरीके से देश में आकर बसे लोग ही भारत में रह सकेंगे।

अमित शाह ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जो अपनी आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखना चाहता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बिल का उद्देश्य उन प्रवासियों को कानूनी रूप से भारत में शरण देना है, जो उत्पीड़न का शिकार हुए हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह देश के नागरिकों और संविधान के अधिकारों की रक्षा करने के लिए जरूरी है।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि इमिग्रेशन प्रक्रिया को व्यवस्थित और पारदर्शी बनाना आवश्यक है, ताकि केवल वैध प्रवासी ही भारत में आकर बस सकें। इस दौरान उन्होंने उन देशों के संदर्भ में बात की, जिनके नागरिक शरणार्थी के रूप में भारत में आकर बसे हैं और यह प्रक्रिया लंबे समय से जारी है। उन्होंने कहा कि इस बिल के माध्यम से भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा, साथ ही यह उन लोगों के लिए राहत का काम करेगा, जो धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत में शरण चाहते हैं।

इस बिल के पारित होने के बाद विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताई। उनका कहना था कि इस बिल से कुछ विशेष समुदायों के खिलाफ भेदभाव हो सकता है और यह धार्मिक रूप से पक्षपाती हो सकता है। हालांकि, अमित शाह ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह बिल पूरी तरह से मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए और सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अवसर देते हुए तैयार किया गया है।

उनका यह भी कहना था कि भारत की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में है, और इस बिल का उद्देश्य केवल उन लोगों की मदद करना है, जो धार्मिक कारणों से उत्पीड़ित हैं, न कि किसी एक विशेष समुदाय के खिलाफ कोई नकारात्मक कदम उठाना।

इमिग्रेशन बिल के पास होने के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि भारत सरकार भविष्य में अपनी इमिग्रेशन नीति को और भी कड़ा और संगठित बनाएगी। इस कानून के लागू होने से भारत में आने वाले प्रवासियों के लिए नए नियम और दिशा-निर्देश होंगे, जो देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।

भारत में इमिग्रेशन की प्रक्रिया को लेकर यह नया कानून एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में इमिग्रेशन की दिशा और नीति को प्रभावित करेगा।

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