उज्जैन। 19 नवंबर 2020 ( कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी) दिन गुरुवार को दिन में 10 बजकर 40 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु से शनिदेव की राशि मकर मे गोचरीय संचरण प्रारंभ करेंगे। देवगुरु एक राशि में लगभग 13 माह तक वक्री एवं मार्गी गति के साथ गोचरीय संचरण करते हैं। 19 नवंबर दिन गुरुवार से देवगुरु 5 अप्रैल 2021 तक मार्गी होकर मकर राशि में गोचर करते रहेंगे।
जानें इस बदलाव का क्या-क्या होगा राशियों पर प्रभाव:
मेष – कार्यों में सफलता, आंतरिक डर ,भूमि- वाहन सुख में तनाव के साथ वृद्धि, धन लाभ के साथ खर्च भी वृद्धि, पद प्रतिष्ठा में वृद्धि, कुटुम्भ में विवाद होगा। दिक्कतों से बचाव के लिए पीला वस्त्र या सोना न पहनें।
वृष – बुद्धि का सार्थक प्रयोग, कार्य क्षेत्र एवं दायित्वों में वृद्धि, राजनीतिक एवं सामाजिक दायरों में वृद्धि, मानसिक तनाव समाप्त, पराक्रम एवं सम्मान में वृद्धि ,भाग्य का साथ मिलेगा, शत्रु पक्ष कमजोर होगा । दिक्कतों से बचने के लिए गंगा स्नान करें।
मिथुन – नयी समस्या में वृद्धि, दाम्पत्य एवं प्रेम संबंधों में शिथिलता या तनाव, गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि, माता का सहयोग की सानिध्य ,धन एवं धन के साधनों में वृद्धि। दिक्कतें यदि हों तो बचाव के लिए धार्मिक स्थलों पर पीपल का पौधा लगाएं।
कर्क – दाम्पत्य या प्रेम संबंध को लेकर उलझन या तनाव होगा, आय एवं लाभ के साधनों में वृद्धि, व्यापार में वृद्धि , भाई बंधुओ एवं मित्रों का सहयोग, राजनीतिक वर्चस्व एवं प्रभाव में वृद्धि। दिक्कतों से बचने के लिए नाश से दूर रहें।
सिंह – आंतरिक शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। चुनाव में जीत, धार्मिक अथवा यात्रा खर्च में वृद्धि,धन वृद्धि के नए मार्ग भी बनेंगे। दिक्कत हो तो गुरुवार को दक्षिण की यात्रा न करें।
कन्या – स्वास्थ्य एवं मनोबल में वृद्धि, अध्यात्म, तार्किकता एवं धार्मिक रुचि में वृद्धि , विद्याध्ययन में वृद्धि, लाभ या आय के साधनों में परिवर्तन या वृद्धि माता-पिता एवं जीवनसाथी के स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी चिन्ता में वृद्धि । अच्छे परिणामों के लिए साधु एवं वृद्ध जनों की सेवा करें।
तुला – पराक्रम में अचानक कमी, सीने की तकलीफ में वृद्धि, गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि पर खर्च या तनाव, पुराने रोग, कर्ज एवं शत्रु से मुक्ति पद प्रतिष्ठा एवं नौकरी में प्रारम्भिक अवरोध के साथ वृद्धि। पिता का सहयोग। गुरुवार को मंदिर में पीले वस्त्र दान करें।
वृश्चिक – आय के साधनों वृद्धि, उन्नति के नए अवसर, दाम्पत्य एवं प्रेम संबंध में वृद्धि, पराक्रम एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। दिक्कतों से बचने के लिए पुखराज रत्न धारण करें।
धनु – धनागम होता रहेगा। पारिवारिक तनाव,गले की समस्या, संग्रहित धन अचानक तीव्रता से खर्च होगा । धर्म-कर्म से अचानक अरुचि। पेट, पैर, लिवर एवं एलर्जी की समस्या परेशान करेगी। दिक्कतों से बचने के लिए चंदन-केसर का तिलक लगावें।
मकर – मानसिक तनाव या गुप्त चिन्ता में वृद्धि ,स्वास्थ्य पर खर्च अचानक परंतु अन्य खर्चो में कमी होगी, मनोबल में वृद्धि, संतान को लेकर अच्छी खबर मिल सकती है। अध्ययन अध्यापन से जुड़े लोगों की लाभ। धन संबंधित एवं अन्य कार्यो में भाग्य का सहयोग मिलेगा। किसी भी परेशानी से बचने के लिए गुरुवार को ब्राह्मणों को दान दे और पीले वस्त्र न पहनें।
कुम्भ – धन के स्रोतों में रुकावट आएगी। इस अवधि में कर्ज लेकर काम न करें। गृह एवं वाहन सुख एवं माता के सुख में वृद्धि। घर से दूर जाकर काम शुरू हो सकता है। रोग,कर्ज एवं शत्रु पराजित होंगे। अनिद्रा भी हो सकती है। दिक्कतों से बचने के लिए रोज गाय को गुड़ की रोटी खिलाएं।
मीन – आय एवं लाभ के प्रकृति में परिवर्तन। व्यापार क्षेत्र में वृद्धि या परिवर्तन। एका से ज्यादा स्रोतों से धन मिलेगा। दाम्पत्य सुख एवं प्रेम संबंधों में वृद्धि। अध्ययन-अध्यापन से जुड़े लोगो को लाभ। संतान के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। बेहतर परिणामों के लिए पुखराज रत्न धारण करना लाभप्रद।