मुंबई। फेमस टीवी एक्टर और ‘बिग बॉस 14′ फेम अभिनव शुक्ला ”बॉर्डरलाइन डिस्लेक्सिया’ नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बात का खुलासा उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए किया। अभिनव इन दिनों ‘खतरों के खिलाड़ी 11’ में नजर आ रहे हैं।
‘खतरों के खिलाड़ी 11’ में किया खुलासा
ट्विटर और इंस्टाग्राम से पहले ‘खतरों के खिलाड़ी 11’ में अभिनव ने इस बात को लेकर खुलासा किया। एलिमिनेशन वाले टास्क से पहले अभिनव अपनी जोड़ीदार श्वेता तिवारी के साथ एक टास्क कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पहली बार यह खुलासा किया कि उन्हें संख्या या अक्षरों को याद रखने में परेशानी होती है। यह एक तरह का डिसॉर्डर है। एपिसोड के टेलीकास्ट होने के बाद अभिनव ने सोशल मीडिया पर अपनी इस बीमारी को लेकर बयान जारी किया।
अभिनव शुक्ला ने शेयर किया पोस्ट
अभिनव ने लिखा- ये बात पब्लिक में है कि मुझे Borderline Dyslexia है, इसलिए मैं अब इसे लेकर खुलकर बोल रहा हूं। ये किसी की गलती नहीं है, ना ही मेरी गलती है। जैसा भी है ये है। मुझे इस बात को स्वीकार करने में दो दशक लग गए, अब मुझे नंबर या आंकड़े शर्मिदा नहीं करते। मैं डिफरेंटली एबल्ड हूं।
I am a borderline dyslexic, it is public now! So i will divulge more…its nobody’s fault, not even mine, it is what it is! It took me 2 decades to accept this fact! Now numbers and figures dont embarrass me! I am exceptional in spatial ability. I am differently abled!
— Abhinav Shukla (@ashukla09) August 8, 2021
उन्होंने आगे लिखा, “हां, नंबर, अक्षर, शब्द मुझे उलझाते हैं। मुझे तारीखें, नाम, उन तारीखों का नामों से संबंध, याद रखने में दिक्कत होती है। लेकिन अब मैं नार्मल हूं। अगर मुझे आप अपना सारा एक्स्ट्रा सामान अपनी कार की डिक्की में डालने के लिए कहेंगे तो मैं वो भी करूंगा। मैं कुछ चीजों में अच्छा हूं और कुछ में बुरा और उन्हें मैं सही करने की कोशिश में हूं।”
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कई सिलेब्रिटीज ने किया सपोर्ट
अभिनव शुक्ला के इस पोस्ट पर कई सिलेब्रिटीज ने उनका सपोर्ट किया है। गौतम हेगड़े ने लिखा, “आप जो हैं उसे स्वीकार करना बेहतर होने के लिए पहला कदम है। यदि आप मुझसे पूछेंगे तो आपके पास ऐसी बहुत सारी क्षमताएं, गुण, विशेषताएं और अलग हटके चीजें है, जो बाकी हर दूसरी चीज को मात देती है। लव यू, शुक्ला जी!’
क्या है डिस्लेक्सिया?
जिन लोगों को डिस्लेक्सिया होता है, उन्हें आमतौर पर शब्दों को सुनने और देखने-पढ़ने में मुश्किल होती है।