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अहमदाबाद प्लेन क्रैश: 270 से अधिक मौतें, 8 एजेंसियों की जांच में नए खुलासे

अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे ने भारतीय विमानन इतिहास को एक काले अध्याय से भर दिया है। इस भीषण दुर्घटना में अब तक 270 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल सदस्य शामिल थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे, जिनकी मौत की पुष्टि की गई है ।

हादसा कैसे हुआ?

12 जून को विमान ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद विमान मेघनगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में आग लगने के कारण मलबा बुरी तरह जल गया, जिससे जीवित बचने की संभावना बहुत कम थी। हालांकि, एक यात्री, विश्वकुमार रमेश, मलबे से जीवित निकाले गए और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया ।

शवों की पहचान में चुनौतियां

शवों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि अधिकांश शव पूरी तरह जल चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डीएनए जांच इस स्थिति में सबसे प्रभावी तरीका है, लेकिन जब शव पूरी तरह से जल चुके होते हैं, तब डीएनए सैंपल इकट्ठा करना बेहद कठिन हो जाता है। हड्डियों और दांतों से सैंपल लेना एक तकनीकी चुनौती है, और वैज्ञानिक टीमें इस दिशा में सावधानीपूर्वक काम कर रही हैं ।

उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन

केंद्रीय सरकार ने इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए 11 सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ, तकनीकी सलाहकार और संबंधित मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं। समिति का उद्देश्य पारदर्शिता से सभी तथ्यों का पता लगाना और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव हेतु नीतिगत सुझाव तैयार करना है ।

एनआईए और एनएसजी की तैनाती

अक्सर विमान दुर्घटनाओं की जांच नागरिक उड्डयन या विमानन सुरक्षा एजेंसियां करती हैं, लेकिन इस बार एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) की टीमों को घटनास्थल पर तैनात किया गया है। यह कदम इस बात का संकेत है कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी संभावित खतरे को गंभीरता से ले रही हैं। एनआईए इस बात की भी जांच कर सकती है कि कहीं इस दुर्घटना के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी ।

बोइंग की सुरक्षा पर सवाल

अहमदाबाद हादसे के बाद बोइंग कंपनी की सुरक्षा मानकों पर सवाल उठने लगे हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि विमान के कुछ हिस्सों को गलत तरीके से जोड़ा गया था। अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने पहले ही बोइंग से संबंधित सुरक्षा चिंताओं के बारे में चेतावनियाँ जारी की थीं, लेकिन इसके बावजूद अनदेखी होती रही। यह हादसा फिर से बोइंग की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ा करता है ।

राहत और बचाव कार्य

हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर तैनात की गईं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मौके का निरीक्षण किया और केंद्र तथा राज्य एजेंसियों के समन्वित प्रयासों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी घटनास्थल का दौरा करेंगे ।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दुर्घटना को ‘भयानक’ बताया, हालांकि उन्होंने किसी विस्फोट की आशंका से इनकार किया। ब्रिटेन ने बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। हादसे से जुड़ी अतिरिक्त रिपोर्टों में यह भी सामने आया कि रोहित शर्मा इस खबर से भावुक हो गए और चमत्कारिक रूप से एक व्यक्ति मलबे से जीवित मिला ।

अहमदाबाद का यह विमान हादसा न केवल एक राष्ट्रीय त्रासदी है, बल्कि यह भारतीय विमानन सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करता है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस हादसे से सीख लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उम्मीद की जाती है कि उच्चस्तरीय जांच समिति और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की गहनता से जांच करेंगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी

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