प्राचीन भारत के योद्धाओं के आहार में विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल थे, जो न केवल उनकी शारीरिक शक्ति को बढ़ाते थे, बल्कि मानसिक दृढ़ता और थकान से निपटने में भी सहायक होते थे। ये खाद्य पदार्थ आज भी हमारी सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख आहारों के बारे में जो प्राचीन भारतीय योद्धाओं द्वारा युद्ध से पहले और थकान से निपटने के लिए खाए जाते थे।
1. सत्तू: ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत
सत्तू, जिसे ‘प्राचीन भारतीय ऊर्जा बार’ भी कहा जाता है, प्राचीन काल से ही भारतीय योद्धाओं का प्रिय आहार रहा है। यह भूने हुए चने या जौ का आटा होता है, जिसे पानी, गुड़ या नमक के साथ मिलाकर खाया जाता है। सत्तू का सेवन त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर को तुरंत शक्ति प्रदान करता है, जिससे थकान दूर होती है। यह हल्का, पोषक और आसानी से पचने वाला होता है, जो लंबी लड़ाईयों के दौरान आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है ।
2. घी, चना और गुड़: प्राचीन भारतीय स्नैक
घी, चना और गुड़ का संयोजन एक पारंपरिक भारतीय स्नैक है, जो न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। चने में प्रोटीन और फाइबर होता है, गुड़ में आयरन और मिनरल्स होते हैं, और घी में स्वस्थ वसा होती है। यह संयोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, पाचन में सहायक होता है और मानसिक शांति को बढ़ाता है ।
3. छायवनप्राश: आयुर्वेदिक टॉनिक
छायवनप्राश एक आयुर्वेदिक टॉनिक है, जो गूगल, घी, शहद, आंवला, तिल का तेल, जामुन और विभिन्न जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। यह मिश्रण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, थकान को दूर करता है और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, यह टॉनिक विशेष रूप से वृद्धावस्था में शक्ति और जीवन शक्ति को बनाए रखने के लिए उपयोगी होता है ।
4. खिचड़ी: प्राचीन भारतीय पोषक भोजन
खिचड़ी, जो चावल और दाल का मिश्रण होती है, प्राचीन भारतीय आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह हल्की, पचने में आसान और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। युद्ध से पहले योद्धा खिचड़ी का सेवन करते थे, क्योंकि यह शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती थी और थकान को दूर करती थी। यह भोजन शरीर को तुरंत शक्ति प्रदान करता है और मानसिक शांति को बढ़ाता है ।
5. पंचामृत: आयुर्वेदिक ऊर्जा मिश्रण
पंचामृत, जो दूध, शहद, घी, दही और शक्कर का मिश्रण होता है, एक आयुर्वेदिक ऊर्जा मिश्रण है। यह मिश्रण शरीर को ताजगी प्रदान करता है, पाचन में सहायक होता है और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। युद्ध से पहले योद्धा पंचामृत का सेवन करते थे, क्योंकि यह उन्हें त्वरित ऊर्जा प्रदान करता था और थकान को दूर करता था ।
6. रागी: प्राचीन भारतीय सुपरफूड
रागी, जिसे ‘फिंगर मिलेट’ भी कहा जाता है, प्राचीन भारतीय आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। रागी का सेवन युद्ध से पहले योद्धा अपनी शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए करते थे ।
प्राचीन भारतीय योद्धाओं का आहार न केवल उनकी शारीरिक शक्ति को बढ़ाता था, बल्कि मानसिक दृढ़ता और थकान से निपटने में भी सहायक होता था। आज भी ये पारंपरिक आहार हमारे लिए अत्यंत लाभकारी हैं। यदि हम इन आहारों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, तो हम भी प्राचीन भारतीय योद्धाओं की तरह स्वस्थ, शक्तिशाली और ऊर्जावान बन सकते हैं।