प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2025 को एक महत्वपूर्ण भाषण में कहा कि पाकिस्तान से भविष्य में होने वाली कोई भी बातचीत केवल दो मुद्दों—पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंकवाद—पर केंद्रित होगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इन दोनों मुद्दों के अलावा कोई अन्य विषय चर्चा का हिस्सा नहीं बनेगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी का कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में कहा कि भारत ने पाकिस्तान को तीन दिनों में बड़ा नुकसान पहुंचाया, जो उनकी अपेक्षाओं से कहीं अधिक था। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को यह समझना होगा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते; “पानी और रक्त एक साथ नहीं बह सकते,” यह बयान उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए दिया।
पाकिस्तान से बातचीत के लिए दो शर्तें
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत केवल दो मुद्दों पर होगी:
- PoK की वापसी: भारत का स्पष्ट रुख है कि PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है और उसे वापस लिया जाएगा।
- आतंकवाद: पाकिस्तान को अपनी “आतंकी संरचना” को समाप्त करना होगा, ताकि भविष्य में कोई और संघर्ष न हो।
सैन्य कार्रवाई पर पीएम मोदी का स्पष्ट रुख
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने केवल सैन्य कार्रवाई को अस्थायी रूप से रोका है; यदि भविष्य में कोई और आतंकवादी हमला होता है, तो भारत कड़ी प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि भारत की सेना आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगी और शत्रु को उचित जवाब दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को आंतरिक आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल एक देश नहीं, बल्कि आतंकवाद का निर्यातक है, और यह पूरी दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने पाकिस्तान के नेताओं से यह सवाल भी किया कि वे PoK, गिलगित, बलूचिस्तान, सिंध और अफगानिस्तान जैसे क्षेत्रों को संभाल नहीं पा रहे हैं, फिर कश्मीर के बारे में क्यों बात करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद और PoK की वापसी के मुद्दों पर ही बातचीत करेगा, और किसी भी प्रकार की आक्रामकता का कड़ा जवाब देगा। यह बयान भारत की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।