मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मंत्र ‘ज्ञान पर ध्यान’ को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार निरंतर नारी सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नारी सशक्तिकरण की दिशा में ग्रामीण आजीविका मिशन का अहम योगदान है, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है। इस मिशन के तहत महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को कई महत्वपूर्ण सौगातें दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को एक नई पहचान दी है। स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पाद अब न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि दीदी कैफे के माध्यम से महिलाओं की उद्यमशीलता को बढ़ावा मिल रहा है, और आजीविका मिशन अपने नवाचारों के माध्यम से सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है। महिलाएं आत्मविश्वास से भरकर अपने उत्पादों को बड़े मंचों पर प्रस्तुत कर रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी बताया कि महिलाओं को बेहतर कार्य करने के लिए सरकार ने उन्हें साइकिलें वितरित करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत सीहोर जिले में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को साइकिलें दी जा रही हैं, जिससे उनकी गतिशीलता बढ़ेगी और वे अपनी आजीविका को और मजबूत कर सकेंगी। इन साइकिलों की कीमत 40,000 रुपये है, लेकिन सरकार द्वारा दी गई अनुदान राशि के कारण यह साइकिलें मात्र 9,450 रुपये में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं द्वारा उत्पादित जैविक और प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए विशेष हाट बाजारों की शुरुआत की है। प्रदेश के छह प्रमुख शहरों – भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और धार में जैविक हाट बाजारों की शुरुआत की गई है। इससे स्व-सहायता समूह की महिलाएं सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ सकेंगी और उन्हें उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ‘लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम’ (एलएमएस) आधारित वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को वित्तीय ज्ञान दिया जा रहा है, जिससे वे अपने व्यवसाय और आर्थिक निर्णयों को प्रभावी तरीके से प्रबंधित कर सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आर-सेटी) के माध्यम से पारंपरिक कला एवं शिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इनमें गोंडी चित्रकला, बांस शिल्प और पिथोरा चित्रकला जैसे ट्रेड्स में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लाखों रुपये के ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जा रहे हैं। इसके साथ ही ‘आजीविका अनुभूति’ ई-न्यूजलेटर भी शुरू किया गया है, जो महिलाओं तक आजीविका से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचाएगा।