लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समाजवादी पार्टी (SP) के नेता अबू आजमी पर किए गए तंज भरे बयान के बाद सियासी तापमान बढ़ गया है। सीएम योगी के बयान का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “जो खुद बीमार है, वह दूसरों का इलाज क्या करेगा?” इस बयान के जरिए अखिलेश ने सीएम योगी की सरकार और उनके कार्यकाल पर निशाना साधा।
सीएम योगी का विवादास्पद बयान
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अबू आजमी पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनके बयानों का उद्देश्य केवल समाज में भ्रम और नफरत फैलाना है। योगी ने कहा कि अबू आजमी हमेशा समाज में झगड़े और विवादों को बढ़ावा देते हैं। उनका यह बयान उस समय आया था जब अबू आजमी ने राज्य में बढ़ते अपराधों और खराब कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
सीएम योगी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर कहा, “जो खुद बीमार है, वह दूसरों का इलाज क्या करेगा?” अखिलेश ने यह भी आरोप लगाया कि योगी सरकार प्रदेश में अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केवल बयानबाजी करने में व्यस्त हैं, जबकि असल मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे।
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए समाज में नफरत और भ्रम फैलाने का काम कर रही है। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे आगामी चुनावों में भाजपा को सख्त संदेश दें।
भाजपा और एसपी के बीच सियासी जंग
सीएम योगी और अखिलेश यादव के बीच यह बयानबाजी केवल एक राजनीतिक तकरार नहीं है, बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में ताजा हलचल का हिस्सा है। दोनों नेताओं के बीच तीखी नोक-झोंक इस बात को साबित करती है कि प्रदेश में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। इस बयानबाजी का असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है, जहां भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों अपने-अपने पक्ष को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा का पक्ष
सीएम योगी के बयान पर भाजपा नेताओं ने उनका समर्थन किया है। पार्टी के प्रवक्ताओं का कहना है कि अबू आजमी जैसे नेता समाज में नफरत फैलाते हैं और उनका मकसद सिर्फ जातीय और धार्मिक आधार पर राजनीति करना है। भाजपा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने जो कहा, वह पूरी तरह सही और उचित था।
अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच यह राजनीतिक विवाद इस बात का इशारा करता है कि उत्तर प्रदेश में अगले चुनावों के लिए सियासी खेल और बयानबाजी तेज हो गई है। इस संघर्ष का असर भविष्य में और भी गहरा हो सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी के नेता इस जंग में जनता का विश्वास जीत पाते हैं।