इंदौर | इंदौर क्राइम ब्रांच ने 46 लाख रुपये की डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली से आरोपी ऋतिक जाटव को गिरफ्तार किया है। यह मामला ढाई महीने पुराना है, जब इंदौर की एक वृद्ध महिला को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगा गया और उससे 46 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई। इस मामले में पुलिस ने पहले ही एक मदरसा संचालक पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया था।
अब, इंदौर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में एक कॉल सेंटर पर छापेमारी करते हुए ऋतिक जाटव को गिरफ्तार किया। आरोपी ऋतिक अपने सरगना विनोद के कॉल सेंटर पर काम करता था, जहां लोगों को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर धोखा देकर ठगी की जाती थी।
क्राइम ब्रांच ने दिल्ली स्थित कॉल सेंटर पर छापेमारी के दौरान कई कंप्यूटर सिस्टम, हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, डायरी और सैकड़ों लोगों के फोन नंबर बरामद किए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने कई सिम कार्ड्स का इस्तेमाल किया था और धोखाधड़ी को अंजाम देने के बाद इन सिम कार्ड्स को नष्ट कर दिया करते थे। पिछले तीन सालों में इन सिम कार्ड्स के जरिए हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई थी।
इस मामले में क्राइम ब्रांच को इंदौर के 3 हजार लोगों के नाम और नंबर भी मिले हैं, जो इस धोखाधड़ी का शिकार हो चुके थे या हो सकते थे। डीसीपी ने आरोपी के साथ एक लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी करवाया, जिसमें आरोपी ने धोखाधड़ी करने का पूरा तरीका बताया।
यह गिरफ्तारी डिजिटल धोखाधड़ी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करती है और इंदौर क्राइम ब्रांच की ऑनलाइन ठगी से निपटने की रणनीति की सफलता को दिखाती है।