Questioning of the web designer who created the website for the fraud gang

जालसाज गैंग को वेबसाइट बनाकर देने वाले वेब डिजाइनर से पूछताछ

डाटा एंट्री आपरेटर और वर्क फ्राम होम की आड़ में धोखाधड़ी करने वाले गैंग ने वेब डिजाइनर का नाम कबूला है, जो वेबसाइट बनाता था। दस से ज्यादा साइट की जानकारी मिल चुकी है। पुलिस डाटा की जांच कर रही है।
पिछले दो वर्षों में अकेले अपराध शाखा ने ठगी करने वाले 45 गैंग के ठिकानों पर छापे मार कार्रवाई की है। इंदौर। डाटा एंट्री आपरेटर और वर्क फ्राम होम की आड़ में धोखाधड़ी करने वाले गैंग ने वेब डिजाइनर का नाम कबूला है, जो वेबसाइट बनाता था। पुलिस डिजाइनर से पूछताछ कर रही है। दस से ज्यादा साइट की जानकारी मिल चुकी है। पुलिस डाटा की जांच कर रही है।

जालसाज विभिन्न तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं।

क्राइम ब्रांच ने शिपमेंट सोल्यूशन के संचालक मृदुल शर्मा को साथी रोहन पंवार, सौरभ गौसर, अमन मालवीय, ऋतिक भाटी और किरणसिंह के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित काल सेंटर की तर्ज पर आफिस संचालित कर बेरोजगार युवक-युवतियों को ठग रहे थे। मृदुल ने शिपमेंट सोल्यूशन डाटइन, मेटलाइफ इंशूरेंस डाटइन, नेशनल इनकम लाइफ डाटइन, नेशनल इनकम डाटइन, डाटा प्रोसेस मैनेजमेंट डाटकाम के नाम से कंपनी खोलकर लोगों को ठगा है।
पूछताछ में बताया कि ठगी के लिए वेबसाइट वेब डिजाइनर अंकितसिंह ने बनाई थी। मंगलवार को पुलिस ने अंकित को तलब किया। डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक अंकित ने दस वेबसाइट बनाना स्वीकारा है। हालांकि उसकी भूमिका स्पष्ट नहीं हुई है। उधर पुलिस मृदुल के साथी यश नागर की तलाश कर रही है। धार रोड निवासी यश ने भी ठगी में सहयोग किया था।

दो साल में 45 ठिकानों पर छापा, 119 जालसाज गिरफ्तार

इंदौर धोखाधड़ी का गढ़ बनता जा रहा है। जालसाज विभिन्न तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों में अकेले अपराध शाखा ने ठगी करने वाले 45 गैंग के ठिकानों पर छापे मार कार्रवाई की है। इसमें पुलिस ने 119 से ज्यादा अपराधियों को पकड़ा गया है। धोखाधड़ी में महिलाएं भी शामिल हैं।

डीसीपी अग्रवाल के मुताबिक सांगली (महाराष्ट्र) पुलिस द्वारा छापामार कार्रवाई के बाद पुलिस ने अभी तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार की है। अपराध शाखा की साइबर सेल ने वर्ष 2022 में 12 जगहों पर छापे मारकर 34 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन 11 माह में पुलिस 23 स्थानों पर कार्रवाई कर 85 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है।
डीसीपी के मुताबिक ठगी की ज्यादातर घटनाएं भारत सरकार की कल्याण योजना, शेयर मार्केट में निवेश करवाना, फोरेक्स ट्रेडिंग कंपनी, आनलाइन लोन स्वीकृत, ई-वालेट कंपनी के अधिकारी बनने, आयुर्वेद दवाओं की फ्रेंचाइजी, शक्तिवर्धक दवाओं की बिक्री करने, फाइनेंस अधिकारी, पर्सनल लोन, ग्रीन मार्ट शाप, मार्ट नेटवर्क, डाटा एंट्री, ई-कामर्स कंपनी की डीलरशिप देने आदि के नाम पर की गई है।

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