Trial run of Indore Metro gets green signal, metro journey will be completed in less than a two-wheeler.

Indore Metro के ट्रायल रन को मिल गया ग्रीन सिग्नल, टू-व्हीलर से भी कम में पूरा होगा मेट्रो का सफर

इंदौर | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण के प्रायोगिक परीक्षण की शनिवार को झंडी दिखाकर औपचारिक शुरुआत की. मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर ने आज टेम्पो से मेट्रो तक का सफर तय कर लिया है. शहर में मेट्रो रेल के प्रायोगिक परीक्षण की शुरुआत नयी परिवहन क्रांति है. चौहान ने कहा कि शहर में मेट्रो रेल की यात्रा दो पहिया वाहन की यात्रा से भी सस्ती साबित होगी और लोक परिवहन के इस आधुनिक साधन से अमीर और गरीब के बीच की खाई मिटेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर से पीथमपुर इंडस्ट्रियल इलाकों और धार्मिक नगरी उज्जैन तक मेट्रो रेल का विस्तार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि हम उज्जैन में वर्ष 2028 में लगने वाले सिंहस्थ मेले की शुरुआत से पहले मेट्रो रेल लाइन को इंदौर से इस धार्मिक नगरी तक ले जाने का काम पूरा कर लेंगे. चौहान ने यह घोषणा भी की कि इंदौर और इसके आस-पास के क्षेत्र को मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी घोषित किया जाएगा ताकि इस इलाके का तेज गति से विकास हो सके.

7,500.80 करोड़ रुपये लागत में बनी मेट्रो
अधिकारियों ने बताया कि शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन क्रमांक-तीन के बीच 5.9 किलोमीटर के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर तीन डिब्बों वाली मेट्रो रेल का प्रायोगिक परीक्षण (ट्रायल रन) किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मेट्रो रेल की सवारी भी की.

कई अन्य परियोजनाएं
इसके तहत शहर में करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल गलियारा बनाया जाना है. मुख्यमंत्री ने शहर में कुल 1,483.48 करोड़ रुपये की लागत वाली अलग-अलग परियोजनाओं का भूमिपूजन और लोकार्पण किया. इनमें लव-कुश चौराहे पर बनने जा रहा प्रदेश का पहला ‘‘डबल डेकर’’ (बहुस्तरीय) फ्लाईओवर शामिल है.

विपक्ष पर चौहान का वार
चौहान ने इस मौके पर आयोजित समारोह में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के पास विकास की दूरदृष्टि ही नहीं है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री थे, तब हमेशा कहते रहते थे कि सूबे के सरकारी खजाने में धन नहीं है. क्या आपको इस तरह का रोना रोने वाला मुख्यमंत्री पसंद था?

चुनावी दौर
राज्य में नवंबर के दौरान विधानसभा चुनाव संभावित हैं. इसलिए मेट्रो रेल परियोजना सियासी तौर पर भी अहम मानी जा रही है. इसी बीच उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शहर की मेट्रो परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. चौहान ने कहा कि वर्तमान की भाजपा सरकार युद्ध स्तर पर इस परियोजना का काम रिकॉर्ड समय में पूरा कर रही है. उन्होंने कहा कि शहर में अगले पांच-महीने में मेट्रो का कमर्शियल परिचालन शुरू कर दिया जाएगा.

 

Source: Zee Business

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