Why is little Diwali celebrated? Here's the story

क्यों मनाई जाती है छोटी दिवाली? यहाँ जाने कहानी…

दिवाली : हर साल दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन मनाई जाने वाली छोटी दिवाली इस बार 13 नवंबर को शाम 6 बजे से  शुरू हो जाएगी। इस दिन घरों में मृत्यु के देवता यम की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते है कि बड़ी दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है, इसके पीछे की कहानी क्या है?

मान्यताओं के अनुसार, रति देव नाम के एक राजा थे। अपने जीवन में उन्होंने कभी कोई पाप नहीं किया था। बावजूद इसके एक दिन उनके समक्ष यमदूत आ खड़े हुए। अकस्मात यमदूत को सामने देख राजा अचंभित हुए। उन्होंने यमदूत से बोला मैंने तो कभी कोई पाप नहीं किया। क्या  फिर भी मुझे नरक जाना होगा? यह सुनकर यमदूत ने कहा कि हे राजन एक बार आपके द्वार से एक ब्राह्मण भूखा लौट गया था, यह उसी पाप का नतीजा है। यह सुन राजा को बहुत दुःख हुआ और उन्होंने यमदूत से एक वर्ष का समय मांगा।

यह समय उन्होने प्रायश्चित करने के लिए मांगा था। राजा की विनती पर यमदूतों ने उन्हें एक वर्ष का समय दे दिया। अब प्रायश्चित करते- करते राजा ऋषियों के पास पहुंचे। राजा ने उन्हें पूरी कहानी सुनाई और अपनी दुविधा से मुक्ति का उपाय माँगा। ऋषियों  ने उन्हें बताया कि कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करें और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।
ऋषि की आज्ञा के अनुसार राजा ने वैसा ही किया। परिणाम स्वरुप वो पाप से मुक्त हो गए, इसके पश्चात उन्हें विष्णु लोक में स्थान प्राप्त हुआ, उस दिन से पाप और नर्क से मुक्ति हेतु कार्तिक चतुर्दशी के दिन व्रत और दीप जलाने का प्रचलन हो गया.

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