नई दिल्ली : किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आज अपने घर के लिए लौट रहे हैं. टिकैत 383 दिन बाद अपने घर जा रहे हैं. उनका घर मुजफ्फरनगर के सिसौली में स्थित हैं. उन्होंने कहा था कि जब तक कानून वापसी नहीं होगी, तब तक घर वापसी भी नहीं होगी. लेकिन तीनों कृषि कानूनों की वापसी और लंबित मांगों पर सरकार के प्रस्ताव के बाद एक साल से चल रहे किसान आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है.
घर वापसी से पहले राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर और यहां मिले लोग बहुत याद आएंगे. बॉर्डर पर टिकैत जिस अस्थायी झोपड़ी में रहा करते थे, उन्होंने उस पर मत्था टेका और कहा कि इसे भी मैं अपने साथ लेकर जा रहा हूं और वहीं लगाउंगा.
टिकैत ने भावुक होते हुए कहा कि सब लोग धीरे-धीरे जा रहे हैं. अब बस यादें रह जाएंगी. उन्होंने बताया कि यहां 13 महीने रहा लेकिन घर पर 13 घंटे ही रहूंगा. क्योंकि उनको हैदराबाद जाना है और उसके बाद तमिलनाडु में कार्यक्रम है. जब उनसे पूछा गया कि क्या अब आप गाजीपुर में वापस लौटेंगे? तो उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. साथ ही ये कहा कि ये सब ऊपर वाले पर छोड़ दीजिए.
गाजीपुर से सिसौली तक भंडारे-लंगर
– राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव के रहने वाले हैं. टिकैत 383 दिन बाद अपने घर लौट रहे हैं. किसान इस दिन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए सर्व खाप मुख्यालय सौरम और सिसौली के भाकियू मुख्यालय में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है. सिसौली में किसान भवन को दुल्हन की तरह तैयार किया गया है और किसानों के स्वागत के लिए लड्डू बनाए जा रहे हैं.
– टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से मोदीनगर, मेरठ, दौराला टोल प्लाजा,मंसूरपुर होते हुए सौरम और फिर सिसौली पहुंचेंगे. बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि किसानों के स्वागत के लिए गाजीपुर से सिसौली तक जगह-जगह भंडारे और लंगर की तैयारी हो चुकी है.
सिंघु-टिकरी बॉर्डर से जा चुके हैं किसान
– तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान पिछले साल 26 नवंबर से सिंधु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे. कानूनों की वापसी और सरकार के प्रस्ताव के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया था.
– किसानों ने 11 दिसंबर से घर वापसी शुरू की थी. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सिंघु और टिकरी बॉर्डर से किसान पूरी तरह जा चुके हैं. यहां सालभर से लगे टेंट और बैरिकेड हटाए जा चुके हैं. हालांकि, गाजीपुर बॉर्डर पर अब भी थोड़े किसान हैं जो आज यहां से लौट जाएंगे.
आंदोलन स्थगित, खत्म नहीं
– किसानों की वापसी भले ही हो गई है, लेकिन आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है. हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि आंदोलन को स्थगित किया गया है. 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो आंदोलन फिर से शुरू कर दिया जाएगा.
#WATCH | Farmers celebrate as they leave their protest site Kaushambi (Delhi-UP border), after suspending their year-long protest against the 3 farm laws pic.twitter.com/8HhxOUjreD
— ANI (@ANI) December 15, 2021
उन्होंने बताया कि अभी सरकार की ओर से एमएसपी और मुआवजे के 5 लाख रुपये देने की कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. 750 किसानों की जान गई है, जिसमें सवा सौ हरियाणा के हैं. 45 हजार किसानों पर केस दर्ज हैं. ये सारी मांगें पूरी होनी चाहिए. चढ़ूनी ने कहा कि राजनीति की गंदगी को साफ करने को राजनीति में उतरना होगा, लेकिन वो खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि अच्छे लोगों को लड़वाएंगे.