मुंबई : क्रूज ड्रग्स केस को लेकर महाराष्ट्र में जारी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. आज नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए. नवाब मलिक ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के ‘आशीर्वाद’ से महाराष्ट्र में उगाही और जाली नोट का कारोबार चल रहा था. नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े का भी जिक्र किया. वह बोले कि पूर्व सीएम अधिकारी (वानखेड़े) को बचाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वह उनका करीबी है.
I'm fighting against a man who is framing innocent people in fake cases. Devendra Fadnavis is not only diverting my issue but also trying to defend one officer (Sameer Wankhede): Maharastra Minister and NCP leader Nawab Malik pic.twitter.com/SJYLySaiAZ
— ANI (@ANI) November 10, 2021
महाराष्ट्र के मंत्री बोले कि देवेंद्र ने सीएम रहते अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोग, क्रिमिनल लोगों को सरकारी कमीशन, बोर्ड में जगह दी. मलिक बोले,’मुन्ना यादव नाम का व्यक्ति जो नागपुर का गुंडा है, जिसपर हत्या से लेकर सभी तरह के मामले दर्ज हैं. उसे आपने कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था.’
आगे नवाब मलिक ने कहा कि हैदर आजम नाम के नेता को फडणवीस ने फाइनेंस कॉर्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया था. जबकि वह बांग्लादेश के लोगों को मुंबई में बसाने का काम करता है. उसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेशी है. जिसकी मालड पुलिस जांच कर रही थी. कहा गया कि जब पुलिस जांच कर रही थी तब सीएम ऑफिस से फोन आया था, जिसके बाद मामला दबाया गया.
देवेंद्र फडणवीस के सीएम रहते हुए उगाही का काम – नवाब मलिक
नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि देवेंद्र के इशारे पर महाराष्ट्र में उगाही का काम हो रहा था. चाहे वह मामला बिल्डर्स का हो या फिर झगड़े का, सब में उगाही की जाती थी. यह भी कहा गया कि अगर विदेश से अंडरवर्ल्ड का फोन आ जाता था तो पुलिस भी मामला रफा-दफा कर देती थी.
जाली नोटों के कारोबार से फडणवीस का कनेक्शन – नवाब मलिक
नवाब मलिक बोले कि जब 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई, तब पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद, जाली नोट, काला धन खत्म करने के लिए नोटबंदी हो रही है. इसके बाद पूरे देश से जाली नोट पकड़े गए. लेकिन 8 अक्टूबर 2017 तक महाराष्ट्र में एक भी जाली नोट का मामला सामने नहीं आया था. क्योंकि देवेंद्र के प्रोटेक्शन में जाली नोट का खेल चल रहा था.
महाराष्ट्र के मंत्री ने आगे कहा कि 8 अक्टूबर 2017 को एक छापेमारी हुई, इसमें 14 करोड़ 56 लाख रुपये के जाली नोट पकड़े गए. उस मामले को रफा दफा देवेंद्र फडणवीस ने कराया था. इसमें इमरान आलम शेख, रियाज शेख को पकड़ा गया था. लेकिन बाद में इस जब्ती को 8 लाख 80 हजार रुपये बताकर दबाया गया.
इसपर भी सवाल उठाए गए कि मामले में आरोपी को कुछ ही वक्त में जमानत कैसे मिल गई, मामला NIA को क्यों नहीं दिया गया. ये नोट कहां से आए थे यह भी पता नहीं चला क्योंकि तत्कालीन सरकार का संरक्षण था.
फडणवीस ने क्या आरोप लगाए थे?
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि नवाब मलिक के परिवार ने अंडरवर्ल्ड के लोगों से जमीन खरीदी थी. यह भी कहा गया कि जमीन को दाऊद के लोगों से सस्ते में खरीदा गया. देवेंद्र फडणवीस ने दो नाम बताए. इसमें सरदार शाह वली खान और मोहम्मद सलीम पटेल का जिक्र किया गया. उन्होंने बताया कि सरदार शाह वली खान 1993 बम ब्लास्ट का गुनाहगार है, जिसे उम्रकैद हुई थी और मोहम्मद सलीम पटेल दाऊद इब्राहिम का गुर्गा था.
फडणवीस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि कुर्ला में एक तीन एकड़ जगह है. इसे गोवा वाला कंपाउंड कहा जाता है. यह जगह LBS रोड पर है, जो काफी महंगा इलाका है. इस जमीन की एक रजिस्ट्री सोलिडस नाम की कंपनी (Solidus company) के नाम पर हुई जो कि नवाब मलिक के परिवार की है. इसकी बिक्री सरदार शाह वली खान और सलीम पटेल ने की थी.