दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश में वाहनों के एक राज्य से दूसरे में ट्रांसफर कराने वाली परेशानी दूर करने और वाहन मालिकों की आसानी के लिए एक नए वाहनों के लिए भारत सीरीज की अधिसूचना जारी कर दी है। इस नियम के तहत नए वाहनों को भारत सीरीज यानी BH सीरीज में रजिस्टर्ड करवाना होगा। यह स्वैच्छिक है। यानी वाहन मालिक चाहे तो अपने वाहन के लिए BH सीरीज ले सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा उन लोगों और कर्माचारियों को होगा जो नौकरी के सिलसिले में एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होते रहते हैं।
अब दूसरे राज्य में जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी
इस वक्त कोई भी वाहन मालिक अपनी गाड़ी को रजिस्टर्ड राज्य के अलावा अन्य राज्य में अधिकतम 1 साल के लिए ही रख सकता है। 12 महीने खत्म होने की स्थिति में एक बार फिर से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। BH सीरीज को इसलिए शुरू किया गया है, जिससे निजी वाहनों का ट्रांसफर बेहद आसानी से और किसी परेशानी के बिना किया जा सके। ये उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा, जिनका बार-बार ट्रांसफर होने की संभावना ज्यादा होती है और उन्हें अपनी गाड़ी दूसरे राज्यों में ले जानी होती है। BH सीरीज (भारत सीरीज) के वाहनों के लिए दूसरे राज्य में जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के सेक्शन 47 के तहत, एक व्यक्ति को वाहन पंजीकृत होने वाले राज्य के अलावा किसी भी राज्य में 12 महीने से अधिक समय तक वाहन रखने की अनुमति नहीं है।
किस वाहन पर होगा कितना टैक्स – भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति भारत सीरीज में अपने व्हीकल का रजिस्ट्रेशन कराता है तो उसे दस लाख रुपये से कम के वाहन पर मोटर व्हीकल टैक्स 8 फीसदी देना होगा। इसी तरह अगर वाहन की कीमत 10-20 लाख रुपये के बीच है तो BH series में रजिस्ट्रेशन कराने पर मोटर व्हीकल टैक्स 10 फीसदी देना होगा। अगर कार की कीमत ₹20 लाख से अधिक है तो उस व्यक्ति को मोटर व्हीकल टैक्स के रूप में 12 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
क्या हैं इसके फायदे – आखिरी नोटिफिकेशन में IN को BH से बदल दिया गया है। इस वक्त प्राइवेट गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 साल के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है। वहीं दूसरे राज्यों में जाने पर उन्हें फिर से 10 या 12 सालों के रोड टैक्स का भुगतान करना होता है, साथ ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से दोबारा गुजरना होता है। जिसके बाद उन्हें पहले राज्य में भुगतान की गई राशि के दावा करने की जरूरत होती है, जिस राज्य में पहले वाहन रजिस्टर्ड था। इस व्यवस्था का उद्देश्य इस पूरी मशक्कत को खत्म करना है। BH Vehicle Series के लागू होने के बाद इन लोगों को अपने वाहन के लिए बार-बार रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लेना होगा। ये सभी लोग पुराने रजिस्ट्रेशन नंबर से ही अपने वाहन को नए राज्य में बिना किसी डर से अब चला सकेंगे।
कुछ इस तरह नजर आएगा BH रजिस्ट्रेशन – BH रजिस्ट्रेशन का फॉर्मेट YY BH 5529 XX YY रखा गया है, जिसमें पहले रजिस्ट्रेशन का साल BH – भारत सीरीज कोड 4 – 0000 से 9999 XX अल्फाबेट्स (AA to ZZ तक)।