Baba Mahakal will give darshan to the devotees in the form of Chandramouleshwar and Manmahesh, know the auspicious time of Shiva worship, Rahukal and Dishashul: Third Monday of Sawan today...

चंद्रमौलेश्वर व मनमहेश के रूप भक्तों को दर्शन देंगे बाबा महाकाल, जानें शिव पूजा के शुभ मुहूर्त, राहुकाल व दिशाशूल: सावन का तीसरा सोमवार आज…

इन्दौर । सावन का पवित्र महीना चल रहा है। धार्मिक कार्यों के लिए इस मास का बहुत अधिक महत्व है। आज 9 अगस्त को सावन का तीसरा सोमवार भी है। सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जायेंगे। उज्जैन में आज बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर और मनमहेश के रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।

विधि-विधान से करेंगे शंकर-पार्वती व गणेश भगवान की पूजा
सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन मास में भगवान शिवशंकर का वास पृथ्वी लोक में ही होता है। सावन के सोमवार पर भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती और गणेश भगवान की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इससे भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। आइये जानते हैं कि सावन के इस तीसरे सोमवार को किस शुभ मुहूर्त में पूजा करना अति लाभदायी होगी।

सावन मास में शिव पूजा का शुभ समय

  • ब्रह्म मुहूर्त- आज प्रात: काल 04:22 बजे से 05:04 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त- आज दोपहर 12:00 बजे से दोपहर बाद 12:53 बजे तक
  • विजय मुहूर्त- आज दोपहर बाद 02:40 बजे से 03:33 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त- 9 अगस्त को शाम 06:53 बजे से 07:17 बजे तक
  • सायंकालीन सन्ध्या- आज शाम 07:06 बजे से रात 08:10 बजे तक
  • अमृत काल- सुबह 08:12 बजे से 09:50 बजे तक

सावन के तीसरे सोमवार को शिव भगवान की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार, सावन के तीसरे सोमवार की शुरूआत अश्लेषा नक्षत्र में हो रही है। यह अश्लेषा नक्षत्र सुबह 09 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा आज शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा उसके बाद द्वितीया तिथि भी है. आज अभिजित मुहूर्त 11.37 बजे से 12.30 तक रहेगा।  ज्योतिष शास्त्र में इस मुहूर्त में पूजा उत्तम मानी जाती है।

उज्जैन में बाबा महाकाल की निकलेगी तीसरी सवारी
श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार हाकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। कोविड गाइड लाइन के अनुसार सवारी का स्वरूप छोटा रहेगा। मंदिर प्रशासन ने पुजारी, पुरोहित की सहमति से उमा महेश का मुखारविंद नहीं निकालने का निर्णय लिया है। मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण-भादौ मास की प्रत्येक सवारी में भगवान का एक नया मुखारविंद शामिल किया जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो सालों से सवारी के स्वरूप में बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था के अनुसार श्रावण भादौ मास की प्रथम छह सवारी में भगवान महाकाल के सिर्फ दो मुखारविंद चंद्रमौलेश्वर व मनमहेश को शामिल किया जाएगा। बताया जाता है शेष पांच मुखारविंद 6 सितंबर को निकलने वाली शाही सवारी में एक साथ बैलगाड़ी पर निकलेंगे।

अग्रिम बुकिंग के आधार पर होंगे दर्शन
श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर भक्तों को सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक अग्रिम बुकिंग के आधार पर भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। सोमवार को सामान्य प्रोटोकाल और 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट की सुविधा बंद रहेगी।

रविवार को 30 हजार से अधिक भक्तों ने किए दर्शन
महाकाल मंदिर में रविवार को अवकाश का दिन होने से देशभर से भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। सुबह 5 बजे से शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला रात 9 बजे तक चला। इस दौरान 30 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।

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