Type 2 diabetes patients will get relief from insulin treatment

टाइप-2 डायबिटीज रोगियों को इंसुलिन से निजात दिलाएगा इलाज

लंदन। अस्पताल में 45 मिनट का एक छोटा सा उपचार टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन से छुटकारा दिला सकता है। इस ट्रीटमेंट में गर्म पानी से भरा एक बैलून गले के रास्ते छोटी आंत के ऊपरी भाग तक पहुंचाया जाता है। गुब्बारे की गर्मी से आंत की सतह पर मौजूद कुछ सेल्स जल जाती हैं और बाद में उनके स्थान पर नई सेल्स आ जाती हैं। माना जा रहा है कि ये नई सेल्स शरीर को अपना खुद का इंसुलिन रिलीज करने का बेहतर संकेत देती हैं, जससे ब्लड सुगर का लेवल नियमित हो जाता है। टाइप-2 डायबिटीज के 16 मरीजों का इस तरीके से उपचार किया गया तो 6 माह बाद ही 75 प्रतिशत मरीजों को इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं रह गई। एक अनुमान के अनुसार टाइप 2 के 23 प्रतिशत मरीज इंसुलिन का उपयोग करते हैं। डायबिटीज के उपचार को लेकर किया गया यह अध्ययन यूनाइटेड यूरोपियन गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी मेडिकल गु्रप की कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया गया। यह एक छोटे समूह पर किया गया है।

इस इलाज से 6 माह में 75% मरीजों की इंसुलिन बंद हुई

अध्ययन की सह लेखिका डॉ. सुजाने मिरिंग का कहना है कि टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में यह एक क्रांतिकारी प्रक्रिया साबित हो सकती है। इस समय विशेषकर कोरोना वायरस के जोखिम को देखते हुए लोग अपनी डाइबिटिज पर नियंत्रण को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में यह एकमात्र ऐसी आसान और सुरक्षित विधि है जो मरीजों को राहत पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि हम लोग बहुत जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रयोग को दोहरा कर इसकी उपयोगिता का आकलन करेंगे।

क्यों होती है डायबिटिज : यह सामान्यत : मोटापे, खानपान में कमी और शारीरिक श्रम नहीं करने की वजह से होती है। अधिकांश लोग मेटफॉर्मिन जैसी टेबलेट से इस पर नियंत्रण रखते हैं लेकिन जब हालात काबू से बाहर हो जाते हैं तो इंसुलिन लेना पड़ता है।

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