नई दिल्ली. फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी है. हालांकि, कंपनी ने इससे पहले ही ऑनलाइन ग्रोसरी स्टार्टअप ग्रोफर्स में निवेश करने के लिए एक समझौते पर 29 जून 2021 को आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों कंपनियों के बीच यह करार उस समय हुआ है, जब कोरोना महामारी के दौरान देश में ऑनलाइन ग्रोसरी खरीदारी करने वालों की संख्या में लगातार बढ़त हो रही है. करार के तहत जोमैटो ग्रोफर्स में 12 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी. इस निवेश के लिए ग्रोफर्स का वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर किया गया है.
ग्रोफर्स के बोर्ड में शेयर होल्डर के तौर पर शामिल रहेंगे सौरभ कुमार
जोमैटो की ओर से किए जाने वाले इस निवेश के साथ ही ग्रोफर्स यूनिकॉर्न बन जाएगी. बता दें कि यूनिकॉर्न शब्द का इस्तेमाल उन प्राइवेट फंडेड टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स के लिए किया जाता है, जिनका वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर या उससे ज्यादा होता है. मनीकंट्रोल ने 18 जून को ही बता दिया था कि जोमैटो और ग्रोफर्स इस तरह के किसी करार की तैयारी में है और जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है. ग्रोफर्स के सह-संस्थापक सौरभ कुमार ने 18 जून 2021 को एलान किया था कि वह कंपनी से बाहर निकल रहे हैं. उन्होंने 8 साल पहले सीईओ अलबिंदर ढींढसा के साथ ग्रोफर्स की नींव रखी थी. हालांकि, सौरभ कुमार कंपनी के ऑपरेशन रोल से बाहर हो गए हैं, लेकिन वह कंपनी के बोर्ड में शेयर होल्डर के तौर पर शामिल रहेंगे.
सौरभ कुमार और अलबिंदर की ग्रोफर्स में है 8 फीसदी कम हिस्सेदारी
ग्रोफर्स में सौरभ कुमार और अलबिंदर की हिस्सेदारी 8 फीसदी से कम है. वर्तमान में ग्रोफर्स की बहुमत हिस्सेदारी सॉफ्ट बैंक के पास है. इसके अलावा टाइगर ग्लोबल, Sequoia Capital और डीटीएस ग्लोबल ने भी ग्रोफर्स में निवेश कर रखा है. इनमें Sequoia Capital जोमैटो के प्रारंभिक निवेशकों में से है. ग्रोफर्स के प्रवक्ता ने मनीकंट्रोल से कहा कि हम बाजार अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करते. वहीं, जोमैटो ने भी इस खबर की पुष्टि नहीं की है.