‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए मुनमुन दत्ता द्वारा कथित तौर पर की गई जातिवादी टिप्पणी के बाद देश के कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
क्या था मामला
मुनमुन ने कुछ दिनों पहले एक मेकअप ट्यूटोरियल वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में वह कहती हैं कि मैं यूट्यूब पर जल्द अपना डेब्यू करूंगी और इसके लिए मैं अच्छा दिखना चाहती हूं। इसी दौरान मुनमुन ने एक जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनका वो वीडियो वायरल हो गया और कई यूजर्स ने अभिनेत्री के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। वहीं उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज की गई थी।
कोर्ट ने क्या कहा
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुनमुन को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों में अभिनेत्री के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर रोक लगा दी है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने पूछा कि ‘आपने जो कहा वह पूरे समुदाय को बदनाम करने के लिए हो सकता है। आप कह रही हैं कि आप एक महिला हैं लेकिन हमें बताइए कि क्या महिलाओं के पास पुरुषों की तुलना में बेहतर अधिकार हैं या उन्हें भी समान अधिकार हैं?’
माना गलती हुई
मुनमुन दत्ता की ओर से पेश वकील ने पीठ से कहा कि उनकी मुवक्किल पश्चिम बंगाल से है और उसने जो ‘भंगी’ शब्द का कथित तौर पर इस्तेमाल किया था, वह बांगला भाषा में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह शब्द ‘जातिवादी’ है।
वकील ने कोर्ट को बताया कि मुनमुन दत्ता से अनजाने में यह गलती हो गई थी और गलती का एहसास होने के चंद घंटों के बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया से वह पोस्ट वापस ले लिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया था, उसके बारे में सभी को मालूम है कि वह ‘जातिसूचक’ है। बाली ने अनुरोध किया कि सभी केसों को मुंबई ट्रांसफर कर दिया जाए।
अभिनेत्री ने मांगी माफी
मामला तूल पकड़ने के साथ ही मुनमुन दत्ता ने सोशल मीडिया पर माफी मांग ली थी। उन्होंने एक नोट में लिखा था, ‘यह एक वीडियो के संदर्भ में है जिसे मैंने कल पोस्ट किया था। जहां मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ लगाया गया है। यह अपमान, धमकी या किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने के इरादे से कभी नहीं कहा गया था। भाषा की सीमित जानकारी के कारण मुझे उस शब्द के अर्थ के बारे में गलत जानकारी थी।’