पटना. बिहार के मुंगेर में गुरुवार को उग्र प्रदर्शन के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। मुंगेर के डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं। मगध प्रमंडल के कमिश्नर को मामले की जांच सौंपी गई है। डीआईजी मनु महाराज ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गोली कांड मामले की जांच भागलपुर और गया के उच्च स्तरीय अधिकारी करेंगे।
सोमवार रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवकों पर लाठीचार्ज और गोलीकांड में युवक की मौत होने की खबरें आईं। इसके विरोध में गुरुवार को शहरभर के बाजार बंद रहे। भीड़ ने उग्र प्रदर्शन किया और कई सरकारी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। घटना के विरोध में शहर में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने एसपी कार्यालय के पास नारेबाजी की और वहां पथराव कर दिया। आक्रोशित लड़कों ने गोपनीय शाखा कार्यालय में भी तोड़फोड़ की। घटना के दौरान माहौल तनावपूर्ण बन गयौ। पूरब सराय फांरी में दो पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
सुरक्षा बलों के जाते ही भड़की हिंसा
मुंगेर में बुधवार को वोटिंग थी इसलिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी, लेकिन गुरुवार को सुरक्षा बलों के जाते ही लोग जमा होने लगे। एसपी ऑफिस के पास करीब 25-30 हजार लोगों के जमा हो गए। पुलिस ने बल प्रयोग करने की तैयारी की तो लोगों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने एसपी ऑफिस पर पथराव कर दिया। एक वाहन के शीशे तोड़ दिए। सराय मांडी में सड़क पर आगजनी की गई। वहां तोड़फोड़ की गई। बासुदेवपुर पुलिस चौकी में आग लगा दी है।
यह है मामला
मुंगेर जिले के शादीपुर में सोमवार रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई थी। पुलिस ने बल प्रयोग किया। इससे भीड़ उग्र हो गई। पुलिस फायरिंग में एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि 6 लोग से ज्यादा जख्मी हो गए थे। एसपी लिपि सिंह ने सफाई देते हुए कहा था कि विसर्जन के दौरान असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस घटना में करीब 20 सुरक्षा बल के जवान घायल हो गए, एक एसएचओ स्तर के अधिकारी का सिर फट गया। हालांकि उन्होंने बाद में 15 पुलिस कर्मियों के ही नाम बताए थे। एसपी का दावा था कि पथराव के बाद असामाजिक तत्वों ने गोलीबारी में युवक की मौत हो गई।