RSS Foundation Day: Mohan Bhagwat said - in India there will be only Hindus it is not so we have to avoid those who are malicious these are the circles which break the diversity of India

RSS स्थापना दिवस: मोहन भागवत बोले- भारत में सिर्फ हिंदू रहेगा, ऐसा भी नहीं है, हमें द्वेष सिखाने वालों से बचना होगा, ये भारत की विविधता को तोड़ने वाली मंडलियां हैं

नागपुर: हर साल की तरह इस बार भी दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वॉर्टर नागपुर में शस्त्र पूजा की जा गइ।

पूजा के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत संबोधित किया। बता दें वजयादशमी को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस भी होता है।

कोरोना महामारी के चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस बार के विजय दशमी कार्यक्रम को लेकर कई अहम बदलाव किए हैं। विजयदशमी कार्यक्रम में इस बार कोई मुख्य अतिथि आमंत्रीत नही किया गया है। सीर्फ  इतना ही नहीं आयोजन में इस बार 50 से कम स्वयंसेवक ही हिस्सा लिया।

अपने संबोधन में आरआरएस प्रमुख  ने राम मंदिर, नागरिकता संशोधन काूनन, कोरोना संकट, चीन के साथ विवाद, नई शिक्षा नीति, नए कृषि कानून, पारिवारिक चर्चा के महत्व और स्वदेशी नीति के तहत ‘वोकल फॉर लोकल’ के मुद्दे पर अपनी बात रखी।

‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर देते हुए उन्होनें कहा- यह स्वदेशी संभावनाओं वाला उत्तम प्रारंभहै।परन्तु इन सबका यशस्वी क्रियान्वयन पूर्ण होने तक बारीकी से ध्यान देना पड़ेगा। इसीलिये स्व या आत्मतत्त्व का विचार इस व्यापक परिप्रेक्ष्य में सबने आत्मसात करनाहोगा,तभी उचित दिशामें चलकर यह यात्रा यशस्वी होगी।’

कोरोना महामारी पर बोलते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना की वजह से कई सारे विषय बंद हो गए। मोहन भागवत ने कहा- सरकार की तरफ से सही समय पर उठाए गए कदमों की वजह से भारत को कोरोना के मामले में अन्य देशों की तुलना में कम नुकसान हुआ।

भागवत ने अपने भाषण में  टुकड़े-टुकड़े गैंग पर भी निशाना साधा।  उन्होंने बोला,‘हिंदू’ में विश्वभर की विविधताओं का सम्मान है। वे लोग बताते हैं कि आप विविध नहीं हो, अलग-अलग हो। हम डिफरेंस को सेपरेट बताते हैं। हिंदू किसी पंथ का नाम नहीं है, किसी की बपौती नहीं है। यह भारतभक्ति है और विशाल प्रांगण में बसाने वाला शब्द है।

जब हम कहते हैं कि हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है, इसके पीछे हमारी कोई राजनीतिक संकल्पना नहीं है। भारत में सिर्फ हिंदू रहेगा, ऐसा भी नहीं है। हमें द्वेष सिखाने वालों से बचना होगा। ये भारत की विविधता को तोड़ने वाली मंडलियां हैं, ‘भारत तेरे टुकड़े-टुकड़े’ गैंग है। भड़काने वालों की बातों में नहीं आना।

Scroll to Top