नई दिल्ली: कोरोना के मद्देनजर यूपी में पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना कराने की इजाजत दे दी है लेकिन जीत के बाद जश्न पर रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हमने राज्य चुनाव आयोग की ओर से रखी गई बातों को नोट किया. हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते.
Supreme Court allows the process of counting of votes of Uttar Pradesh Gram Panchayat polls starting tomorrow while taking into note the assurance given by the State Election Commission that necessary measures will take place at counting centers in terms of #COVID19 guidelines. pic.twitter.com/hUWjsrP7pH
— ANI (@ANI) May 1, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो. मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो और कोई विजय रैली न निकाली जाए. इसके साथ ही यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 2 मई को ही कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा. मतगणना केंद्र पर सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जाएगा.
इससे पहले कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है. क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकता. अगर तीन हफ्ते टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद काउंटिंग को कराने का फैसला लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आप दिन की स्थिति का आकलन कर रहे थे? क्या आपने वर्तमान स्थिति का आकलन किया है? यह एक कोरोना संक्रमण की गतिशील स्थिति है? आपका नवीनतम क्या कदम उठाया है? चुनाव आयोग ने कहा कि हमने कल आदेश पास कर दिए हैं. राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि हमने 29 अप्रैल को दो आदेश जारी किए हैं, यह पूरी तरह से चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों पर आधारित हैं. मतगणना टालने से प्रदेश मई के मध्य तक संभावित कोरोना के पीक से पहले इस लड़ाई में पांच लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों से वंचित हो जाएगा.