Case of corona rising among children, experts warn

बच्चों में बढ़ रहे कोरोना के मामले, एक्सपर्ट्स ने किया आगाह

भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्यों द्वारा वीकेंड-कुछ दिनों के लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू समेत कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. कोरोना की ये लहर बुजुर्गों या पहले से बीमार लोगों को संक्रमित कर रही थी जबकि इस लहर युवा और बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं.

ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल में  बाल रोग संक्रामक रोगों के कंसल्टेंट डॉक्टर राजकुमार ने बताया, ‘पहली लहर में Covid 19 बच्चों के लिए कोई बड़ी समस्या नहीं थी और उस समय बच्चों के ज्यादातर मामले एसिम्टोमैटिक थे जिनका आसानी से इलाज संभव था लेकिन इस बार स्थिति अलग है. इस बार की लहर में बच्चों में कोरोना के लक्षण साफ देखे जा रहे हैं. बच्चों के ऐसे मामले अब तक UK और अमेरिका में थे. B117 वायरस स्ट्रेन बहुत तेजी से फैल रहा है.’

नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नॉस्टिक्स के चीफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉक्टर सरन्या नारायण ने कहा, ‘0-15 साल, विशेष रूप से 6-15 साल के बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. इस साल जनवरी-फरवरी तक ये मामले 1-2 फीसद तक थे जो अब 4-5 फीसद तक हो चुके हैं. इस समय टेस्ट कराने वाले 20 फीसद बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है.’ कोरोना की इस लहर में तेज बुखार और सांस से जुड़ी दिक्कत ज्यादा देखने को मिल रही है.

पहली लहर में कोरोना के मामले कम होने के बाद लोग सुरक्षा के उपायों को लेकर ढीले पड़ गए थे. इनफेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामीनाथन ने कहा, ‘पिछली बार लॉकडाउन की वजह से लोग एक-दूसरे से नहीं मिल पा रहे थे. यही वजह कि इस बार ज्यादातर युवा संक्रमित हो रहे हैं. लोग मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. पुराने की तुलना में कोरोना का ये स्ट्रेन बहुत तेजी से फैल रहा है.’

डॉक्टर स्वामीनाथन का कहना है कि जिस तरह कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसे मास्क लगाकर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर और भीड़भाड़ वाली जगह ना जाकर फैलने से रोका जा सकता है.

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