Devotion heavy on Corona: thousands of devotees reach Maihar Wali and Salkanpur for darshan

कोरोना पर भक्ति भारी: हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचे मैहर वाली माता और सलकनपुर

सतना। जिले में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मैहर वाली मां शारदा और सलकनपुर की बिजासन माता का दरबार महाअष्टमी पर सज गया है। भक्त सुबह 4 बजे से ही मां के दर्शन के लिए लाइन में  लगे हैं। मैहर वाली माता और सलकनपुर में बिजासन मां के दरबार में लोग रोप-वे से भी पहुंच रहे हैं। सलकनपुर में सुबह 3 बजे से ही भक्तों की कतार लग गई। यहां पर सुबह 9 बजे तक करीब 30 हजार लोगों ने दर्शन किए। वहीं मैहर में सुबह से 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाई।

मैहर धाम में पुजारी सुमित महाराज ने बताया कि महाष्टमी पर परंपरागत रूप से विशेष श्रृंगार किया जाता है। सुबह 3.30 से 4 बजे के बीच में विशेष पूजन हुआ। इसके बाद पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। माता को चांदी का मुकुट, हार और चुनरी के साथ श्रृंगार किया गया है। इसके बाद सुबह 7 बजे छोटी आरती और पूजन हुआ, दोपहर 1 बजे मां को अन्न का भोग लगता है और विशेष पूजन होता है।  आरती शाम को 8.30 बजे से 9 के बीच में होने के बाद पट बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन अगर भीड़ होगी तो पट खुले रहेंगे।

महाराज ने बताया कि देश के 51 शक्तिपीठों में से एक मां शारदा सरस्वती स्वरूप में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान हैं। भगवान शंकर ने सती की देह को उठाकर तांडव शुरू कर दिया तो भगवान विष्णु ने सृष्टि को बचाने के लिए चक्र सुदर्शन से सती के टुकड़े-टुकडे कर दिए। उस वक्त माता सती का कंठ और हार त्रिकूट पर्वत पर गिरा। इसलिए इन्हें मैहर वाली माता कहा जाता है। मतलब माई का हार। ये भी कहा जाता है कि मां सबसे पहले मय यानि अहंकार का हरण करती हैं।

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