The world's first hotel spa will be built in space everything will be including cinema hall

स्पेस में बनेगा दुनिया का पहला होटल स्पा, सिनेमा हॉल समेत होगा सब कुछ

वॉशिंगटन। दुनिया में एक से बढ़कर एक आलीशान होटल हैं, लेकिन अब तैयार हो जाइए धरती के बाहर बनने वाले पहले होटल के लिए। अब से 4 साल बाद यानी 2025 में धरती की निचली कक्षा में इस होटल पर काम शुरू होने वाला है। यहां रेस्तरां होंगे, सिनेमा, स्पा और 400 लोगों के लिए कमरे भी होंगे। आॅर्बिटल एसेंबली कॉर्पोरेशन (ओएसी) का वॉयजर स्टेशन 2027 तक तैयार हो सकता है। यह स्पेस स्टेशन एक बड़ा सा गोला होगा और आर्टिफिशल ग्रैविटी पैदा करने के लिए घूमता रहेगा। यह ग्रैविटी चांद के गुरुत्वाकर्षण के बराबर होगी।

1950 के दशक में ही आया था यह कॉन्सेप्ट

वोयेजर स्टेशन के होटल में कई ऐसे फीचर होंगे, जो क्रूज शिप की याद दिला देंगे। रिंग के बाहरी ओर कई पॉड अटैच किए जाएंगे और इनमें से कुछ पॉड नासा या ईएसए को स्पेस रिसर्च के लिए बेचे भी जा सकते हैं। ओएसी के मुताबिक ‘स्पेस एक्स’ के फैल्कॉन 9 और स्टारशिप जैसे लॉन्च वीइकल्स की मदद से इसे बनाना थोड़ा कम महंगा पड़ सकता है। कक्षा में चक्कर लगाते स्पेस स्टेशन का कॉन्सेप्ट 1950 के दशक में नासा के अपोलो प्रोग्राम से जुड़े वर्नर वॉन ब्रॉन का था। वोयेजर स्टेशन उससे कहीं ज्यादा बड़े स्तर का है। गेटवे फाउंडेशन के लॉन्च के साथ यह पहली बार 2012 में लोगों के सामने आया।

90 मिनट में पूरा करेगा धरती का एक चक्कर

यह स्टेशन हर 90 मिनट में धरती का चक्कर पूरा करेगा। पहले इसका एक प्रोटोटाइप स्टेशन टेस्ट किया जाएगा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की तरह फ्री- μलाइंग माइक्रोग्रैविटी फैसिलिटी को टेस्ट किया जाना है। जिन लोगों को यहां लंबे वक्त के लिए रहना होगा, उनके लिए ग्रैविटी चाहिए होगी। इसलिए रोटेशन बेहद अहम है। रोटेशन को ज्यादा या कम करके ग्रैविटी को भी कम या ज्यादा किया जा सकेगा। जब टेस्ट पूरा हो जाएगा तो स्टार (स्ट्रक्चर ट्रूस एसेंबली रोबोट) इसका फ्रेम तैयार करेगा। इसे बनाने में 3 साल का वक्त लग सकता है और स्पेस में तैयार करने में 3 दिन।

स्टेशन और धरती के बीच होगा तेज कनेक्शन

अगर वोयेजर स्टेशन सच होता है तो यह स्पेस में इंसानों का भेजा सबसे बड़ा आॅब्जेक्ट होगा। स्पेस में मटीरियल भेजने की कीमत 8000 डॉलर प्रति किलो रही है, लेकिन दोबारा इस्तेमाल के काबिल फैल्कॉन 9 के बाद से यह 2000 डॉलर प्रति किलो तक आ गया। माना जा रहा है कि स्पेस एक्स के स्टारशिप के साथ यह और कम हो सकती है। इनकी मदद से धरती व वोयेजर स्टेशन के बीच लगातार और तेज कनेक्शन मुमकिन हो सकेगा।

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