16 फरवरी से फ़ास्टटैग पूरे देश में अनिवार्य हो गया है. इसका मतलब ये है कि अब बिना फ़ास्टटैग के टोल प्लाजा से कोई गाड़ी पार नहीं होगी. जो भी गाड़ी बिना फ़ास्टटैग के टोल प्लाजा से निकलेगी उससे दोगुना टोल वसूला जाएगा. इसी नियम के तहत पिछले 10 दिन से व्यवस्था चल रही है और अब आंकड़े बता रहे हैं कि फ़ास्टटैग का एक दिन का कलेक्शन 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है.
1 दिन का कलेक्शन 100 करोड़ के पार
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से NHAI ने जानकारी दी है कि 25 फरवरी को कुल 64.5 लाख से ज्यादा वाहन टोल प्लाजा से गुजरे जिससे 103.94 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ. आंकड़ों के लिहाज से ये फिगर अब तक का सबसे ज्यादा है.
क्या है सरकार का लक्ष्य
मोदी सरकार चाहती है कि टोल प्लाजा पर रुकने से जो ईंधन और वक्त बर्बाद होता है उसे पूरी तरह से बचाया जाए. 16 फरवरी से पहले तक करीब 80 फीसदी वाहन फ़ास्टटैग के जरिए ही पेमेंट कर रहे थे. बाकी 20 फीसदी लोग भी इसी तरह से पेमेंट करें इसके लिए मोदी सरकार ने फ़ास्टटैग अनिवार्य कर दिया है.
1 मार्च तक फ्री फ़ास्टटैग का ऑफर
हर वाहन पर फ़ास्टटैग चस्पा हो इस लिहाज से NHAI एक मार्च तक फ्री फ़ास्टटैग का ऑफर दे रहा है. इसके लिए गाड़ी की आरसी और गाड़ी के मालिक का एक वैलिड फोटो सरकारी दस्तावेज जरूरी होगा.
अब मिनिमम बैलेंस की जरूरत नही
हाल ही में नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फास्टैग खाते में मिनिमम अमाउंट को हटाने का फैसला किया. NHAI ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य तेजी से फास्टैग की पहुंच को बढ़ाना है, जिससे बिना किसी रुकावट के यातायात सुनिश्चित हो सके और टोल प्लाजा पर होने वाली देरी में कमी आए.