नई दिल्ली। चमोली में शनिवार की सुबह हुई विभीषिका के बाद अब तक लोगों के मलबे और सुरंगों में फंसे होने की सूचना है। प्रभावित क्षेत्र में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं लेकिन अभी भी 200 लोगों के लापता होने की खबर है। तबाही की वजह से वहां चल रहे ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है।
क्षेत्र में जल्द से जल्द राहत सामग्री और इक्युपमेंट्स पहुंचाए जा सकें इसके लिए सेना ने चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टरों को लगा दिया है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है मलबे में फंसे लोगों के बचने की उम्मीद कम होती जा रही है लेकिन सेना और अर्धसैनिक बल पूरी ताकत से राहत कार्य में लगे हुए हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है। हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है।
कट गए कई इलाके : भारत-चीन सरहद के मलारी और आसपास के इलाकों को जोड़ने वाला पक्का सीसी पुल हादसे में बह गया। इससे मलारी नीति बार्डर पर लगी सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) मुख्य कट गई है। इनके साथ ही छह गांव भी पुल के टूटने से कट गए हैं।
लापता लोगों को ढूंढने के लिए सेना ने अपने ताकतवर हेलीकॉप्टरों को उतार दिया है। एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर के दूसरे बेड़े को सोमवार दोपहर को देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना कर दिया गया। ये हेलीकॉप्टर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करेंगे और लोगों को जिंदा बचाने की कोशिश करेंगे। भारतीय वायुसेना ने बताया कि इंडियन एयरफोर्स कमांडर वर्तमान समय में जारी ऑपरेशन के लिए राज्य प्रशासन से कॉर्डिनेट कर रहे हैं।