Budget 2021-22: Finance Minister Nirmala Sitharaman's budget speech, read what the education sector got

बजट 2021-22: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण, पढ़ें एजुकेशन सेक्टर को क्या मिला

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए कई घोषणाएं की। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि एनजीओ, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की मदद से 100 नए सैनिक स्कूलों की शुरुआत होगी।

  • लद्दाख में हायर एजुकेशन के लिए लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी।
  • आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों में सुविधाओं का सुधार होगा।
  • अनुसूचित जाति के 4 करोड़ बच्चों के लिए 6 साल में 35219 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी लाई जाएगी।
  • देशभर में 15 हजार आदर्श स्कूल बनाए जाएंगे।
  • देश में बेहतर रोजगार के लिए कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के दृष्टिकोण से युवाओं को तैयार करने के लिए नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम शुरू की जाएगी।
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत अन्य परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा।
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत हायर एजुकेशन कमीशन का गठन किया गया है। यह देश में उच्च शिक्षा का एकमात्र नियामक होगा। 2019 के बजट में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन खोलने की घोषणा की गई थी। अब 2021-22 के बजट में इसके लिए अगले पांच साल के लिए 50 हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है ताकि देशभर में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।
  • 758 स्कूल आदिवासी क्षेत्रों में खोले जाएंगे, जिससे की आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। ये स्कूल एकलव्य स्कूल होंगे।
  • स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने और प्रभावी गुणवत्ता को दृष्टिगोचर करते हुए 15 हजार सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाएगा।
  • वित्त मंत्री ने अनुसूचित जाति के 04 करोड़ विद्यार्थियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपए के विशेष फंड का एलान किया है। जिससे उनके अध्ययन में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए उनके लिए उच्च शिक्षा को सुलभ बनाया जा सकेगा।
  •  कौशल विकास
  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत सरकार संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर स्किल ट्रेनिंग पर काम रही है। जिससे कि देश के युवाओं को गुणवत्ता और रोजगारपरक कौशल युक्त बनाया जा सके। इससे बेरोजगारी में कमी आएगी और युवाओं को बेहतरीन रोजगार के अवसर सुलभ हो पाएंगे। इस संबंध में भारत सरकार ने जापान की सरकार के साथ मिलकर भी एक प्रोजेक्ट को शुरू किया है।
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