नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 8 नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें देश के अलग-अलग इलाकों से गुजरात के केवडिया के लिए शुरू हुई हैं, ताकि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने के लिए जाने वालों को सुविधा रहे। गुजरात के अलावा देश के 6 राज्यों- दिल्ली महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु से केवडिया के लिए सीधी कनेक्टिविटी हो गई है। प्रधानमंत्री 8 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के साथ ही दाभोई-चंदोड ब्रॉडगेज लाइन, चंदोड-केवडिया न्यू ब्रॉडगेज लाइन, प्रतापनगर-केवडिया सेक्शन और दाभोई, चंदोड, केवडिया स्टेशन की नई बिल्डिंग की शुरुआत भी की। केवडिया देश का पहला रेलवे स्टेशन है, जिसे ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन दिया गया है। इन प्रोजेक्ट्स को शुरू करने का मकसद इलाके में टूरिज्म बढ़ाना है। रेल मंत्रालय के मुताबिक अहमदाबाद-केवडिया जनशताब्दी एक्सप्रेस में विस्टा डोम टूरिस्ट कोच लगाए गए हैं। इनमें पैंसेजर बाहर का पैनोरमिक व्यू देख पाएंगे।
A historic day! Inaugurating various projects relating to Railways in Gujarat. #StatueOfUnityByRail https://t.co/IxiVdLfFdQ
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2021
You can now reach #StatueOfUnityByRail!
The programme to mark this special feat begins soon. Here are more glimpses from the Kevadia Railway Station. pic.twitter.com/0u7oyTFTF2
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2021
पहली बार इतनी ट्रेनों को दिखाई गई हरी झंडी
रेलवे के इतिहास में संभवतः पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब एक साथ देश के अलग अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई हो। केवड़िया में दिख रही है एक भारत, श्रेष्ठ भारत की तस्वीर।
ये 8 ट्रेनें शुरू की गईं
ट्रेन | कहां से कहां तक | रवाना/पहुंचेगी | कितने दिन चलेगी |
केवडिया-वाराणसी महामना एक्सप्रेस | केवडिया से वाराणसी | शाम 6.55/अगली रात 11.10 बजे | हर मंगलवार |
दादर-केवडिया एक्सप्रेस | दादर से केवडिया | रात 11.50/अगली सुबह 7.25 बजे | हर दिन |
अहमदाबाद-केवडिया जनशताब्दी | अहमदाबाद से केवडिया | सुबह 7.55/सुबह 10.40 बजे | हर दिन |
निजामुद्दीन-केवडिया | निजामुद्दीन (दिल्ली) से केवडिया | सुबह 11.12 बजे/रात 1.07 बजे | हर रविवार |
केवडिया-रीवा एक्सप्रेस | केवडिया से रीवा | शाम 6.55 बजे/अगली शाम 5.15 बजे | हर शुक्रवार |
चेन्नई-केवडिया एक्सप्रेस | चेन्नई से केवडिया | सुबह 11.12 बजे/अगली शाम 6.10 बजे | हर रविवार |
प्रतापनगर-केवडिया मेमू | प्रतापनगर से केवडिया | दोपहर 3.35 बजे/शाम 5 बजे | हर दिन |
केवडिया-प्रतापनगर मेमू | केवडिया से प्रतापनगर | रात 9.55 बजे/रात 11.20 बजे | हर दिन |
पीएम का संबोधन…
रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव किया गया है
अब जैसे केवडिया को रेल से कनेक्ट करने वाले इस प्रोजेक्ट का ही उदाहरण देखें तो इसके निर्माण में मौसम और कोरोना महामारी जैसी अनेक बाधाएं आई। लेकिन रिकॉर्ड समय में इसका काम पूरा किया गया।
बीते वर्षों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा। ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है।
केवड़िया के आदिवासी युवाओं को मिल रहा है रोजगार
पर्यटकों को घुमाने के लिए एकता क्रूज है, तो दूसरी तरफ नौजवानों को साहस दिखाने के लिए राफ्टिंग का भी इंतेजाम है। यानी बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी के लिए बहुत कुछ है।
एक तरफ आयुर्वेद और योग पर आधारित आरोग्य वन है, तो दूसरी तरफ पोषण पार्क है। रात में जगमगाता ग्लो गार्डन है, तो दिन में देखने के लिए कैक्टस गार्डन और बटरफ्लाई गार्डन है।
बढ़ते हुए पर्यटन के कारण केवड़िया के आदिवासी युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यहां के लोगों के जीवन में तेजी से आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही हैं।
कनेक्टिविटी लाएगी रोजगार के अवसर
छोटा सा खूबसूरत केवड़िया इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे प्लान तरीके से पर्यावरण की रक्षा करते हुए इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों का तेजी से विकास किया जा सकता है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और सरदार सरोवर बांध की भव्यता और विशालता का एहसास आप केवडिया पहुंचकर ही कर सकते हैं। अब यहां सैकड़ों एकड़ में फैला जूलॉजिकल पार्क है, जंगल सफारी है।
ये कनेक्टिविटी सुविधा के साथ साथ रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगी।
पर्यटक क्षेत्र के रूप में उभर रहा है केवड़िया
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। अपने लोकार्पण के बाद करीब-करीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।
आज केवड़िया गुजरात के सुदूर इलाके में बसा एक छोटा सा ब्लॉक नहीं रह गया है, बल्कि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े पर्यटक क्षेत्र के रूप में आज उभर रहा है।
इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को तो मिलेगा ही, साथ ही ये केवडिया के आदिवासी भाई बहनों का जीवन भी बदलने जा रही है।
केवड़िया देता है एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र
आज केवड़िया के लिए निकल रही ट्रेनों में एक ट्रेन पुरैच्ची तलैवर डॉ. एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से भी आ रही है। ये भी सुखद संयोग है कि आज भारत रत्न एमजी रामचंद्रन की जयंती भी है।
आज का ये आयोजन सही मायने में भारत को एक करती, भारतीय रेल के विजन और सरदार वल्लभ भाई पटेल के मिशन दोनों को परिभाषित कर रहा है।
केवड़िया जगह भी ऐसी है जिसकी पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले, देश का एकीकरण करने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध से है।
भारतीय रेल और सरदार पटेल के विजन का हुआ संगम
आज का आयोजन सही मायने में भारत को एक करता है।
आज भारतीय रेल और सरदार पटेल के विजन का संगम हुआ है।
भारत रत्म एमजीआर के आदर्शों को पूरा करने का प्रयास।