भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इसकी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। पहली बार विधायक मोबाइल में एक्सेस लेकर अपने घर से ही सत्र में पार्टिसिपेट कर पाएंगे। कोरोना को देखते हुए इस बार आम सहमति के आधार पर सदन चलाया जाएगा। फिलहाल, क्रिसमस के बाद होने वाली आॅल पार्टी मीटिंग में इसका स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा।
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने बताया कि सत्र को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। जनप्रतिनिधियों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए हम इस बार विधायकों को मोबाइल से एक्सेस देकर घर से कार्यवाही में भाग लेने की सुविधा देने पर विचार कर रहे हैं। इसकी तैयारी भी हो गई है।
विधानसभा सचिवालय का कहना है कि सदन में विधायकों के शामिल होने को लेकर दोनों आॅप्शन को ध्यान में रखकर तैयारी की जा रही है। इस बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और प्रजेंट होकर सदन की कार्यवाही में शामिल पाएंगे। पिछली बार विधायकों ने जिला मुख्यालय में बैठकर सदन की कार्यवाही में पार्टिसिपेट किया था। इससे पहले विधानसभा परिसर स्थित अस्पताल में विधायकों समेत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच होगी। मंगलवार से इसकी जांच शुरू हो गई है।
विधानसभा में सत्र को लेकर यह तैयारी
विधानसभा सत्र में 28 नए विधायकों को शपथ दिलाने, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के अलावा धर्म स्वातंत्र्य, दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन), अनुपूरक बजट समेत अन्य प्रमुख महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे।
प्रदेश में इस वर्ष कोरोना के कारण विधानसभा का कोई भी सत्र विधिवत नहीं हो सका। फरवरी में बजट सत्र होना था लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए सत्र स्थगित हो गया और फिर सरकार बदल गई। साल 2020-21 का बजट तक अध्यादेश के जरिए लाना पड़ा और संवैधानिक अनिवार्यता के कारण मानसून सत्र चंद घंटे का हुआ। आपसी सहमति से दोनों दलों के सीमित विधायकों को बुलाया गया।
सत्र से पहले विपक्ष घेरने की रणनीति बनाएगा
शीतकालीन सत्र को लेकर 27 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में तय होगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर बैठक रखी गई है। इसमें 28 दिसंबर को होने वाले विधानसभा के घेराव को लेकर भी चर्चा की जाएगी। कांग्रेस विधायक सत्र के पहले दिन किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टरों से विधानसभा पहुंचेंगे।