After 80 years, the court of democracy will be organized in the palace: a confluence of history and future

80 वर्षों बाद राजबाड़ा में सजेगा लोकतंत्र का दरबार: इतिहास और भविष्य का संगम

इंदौर का ऐतिहासिक राजबाड़ा एक बार फिर उस गौरवशाली क्षण का साक्षी बनने जा रहा है, जब वहां 80 वर्षों बाद लोकतंत्र का दरबार सजेगा। 20 मई 2025 को मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक राजबाड़ा की तल मंजिल स्थित गणेश हाल में आयोजित की जाएगी। यह आयोजन देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में हो रहा है, जिससे इस आयोजन को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व मिल रहा है।

राजबाड़ा, जो कभी होलकर राजवंश की सत्ता और न्याय का केंद्र रहा करता था, आजादी के बाद पहली बार फिर से शासकीय निर्णयों का केंद्र बनने जा रहा है। इससे पहले 1945 में यहां आखिरी बार होलकर राजाओं का दरबार सजा था। इस बार यह स्थान लोकतांत्रिक मूल्यों और जनकल्याण के निर्णयों का मंच बनेगा, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, दोनों उपमुख्यमंत्री और पूरी राज्य कैबिनेट भाग लेगी।

इस ऐतिहासिक अवसर के लिए गणेश हाल को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। मंत्रियों के बैठने के लिए पारंपरिक शैली में बनी विशेष कुर्सियां लगाई जाएंगी और एक विशाल 15×50 फीट की टेबल तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने एक बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी, ताकि बैठक में आवश्यक प्रस्तुतिकरण और दस्तावेज़ों को सरलता से साझा किया जा सके। आधुनिक तकनीक और ऐतिहासिक स्थापत्य का यह संगम एक नई शुरुआत का प्रतीक बनेगा।

कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए पारंपरिक मालवी भोजन की व्यवस्था की गई है। भोजन दरबार हाल में परोसा जाएगा, जिसमें दाल बाटी चूरमा, छाछ और अन्य स्थानीय व्यंजन शामिल होंगे। यह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक पहचान का उत्सव भी होगा।

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी गणेश हाल से सटे अन्य कमरों में बैठेंगे, जहां से वे बैठक की जरूरतों के अनुसार समन्वय करेंगे। अधिकारियों के लिए भी अलग से भोजन व्यवस्था की जाएगी, जो आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक स्वाद को जोड़ेगी।

मीडिया के लिए राजबाड़ा के मुख्य द्वार के बाहर विशेष डोम का निर्माण किया जा रहा है, जहां बैठने और भोजन की समुचित व्यवस्था होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रेस को पूरी पारदर्शिता के साथ बैठक की जानकारी मिल सके।

यह आयोजन न केवल इंदौर और राजबाड़ा के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि यह दर्शाएगा कि कैसे एक ऐतिहासिक स्थल वर्तमान में लोकतांत्रिक मूल्यों और जनसेवा के लिए पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। यह कदम न केवल सांस्कृतिक संरक्षण का उदाहरण बनेगा, बल्कि यह संकेत भी देगा कि परंपरा और प्रगति का संतुलन ही सच्चा विकास है।

राजबाड़ा में होने वाली यह कैबिनेट बैठक मध्यप्रदेश के लिए एक नई प्रेरणा बनेगी, जहां अतीत की विरासत भविष्य की योजनाओं से जुड़ेगी।

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