लंदन। ऑफिस में काम की ट्रेडिशनल वर्किंग का कल्चर बदल रहा है, जिसकी वजह से फाइव डे वीक के स्थान पर कंपनियां सिर्फ तीन या दो दिन ही ऑफिस लगाने के विचार पर काम कर रही हैं। महामारी के कारण तीन दिन घर से और दो दिन ऑफिस में काम करना अब न्यू नॉर्मल बनने वाला है। कई कंपनियां यह परिवर्तन लाने के लिए तैयार हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि दो तिहाई बिजनेस लीडर्स भी अपने संस्थानों में रिमोट वर्किंग का ही सिस्टम लागू करने वाले हैं।
महामारी के कारण दुनियाभर की कंपनियां बदल रहीं ट्रेडिशनल वर्किंग कल्चर
5 में से एक बॉस ही चाहता है पूरा स्टाफ ऑफिस आए इंस्टीट्यूट के नीति विभाग के डायरेक्टर रोजर बेकर ने कहा कि महामारी ने अब तक के इतिहास में कार्यालयों की कार्य संस्कृति में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। मार्केट रिसर्च कंपनी यूगव ने यह पाया है कि महामारी के बाद केवल पांच में से एक बॉस ही यह चाहता है कि सप्ताह में पांचों दिन उसका पूरा स्टाफ आॅफिस स्टाफ आए। रिटेल बैंकिंग कंपनी नेटवेस्ट चाहती है कि उसके दस में से नौ कर्मचारी घर से ही काम करें वहीं सुपरमार्केट कंपनी आसडा का कहना है कि उसके सभी कर्मचारी वहां से काम करें जो स्थान उनके जॉब के लिए उपयुक्त हो।
हाइब्रिड वर्किंग अब न्यू नॉर्मल यूगव के प्रमुख मैट स्मिथ का कहना है कि हाइब्रिड वर्किंग न्यू नॉर्मल बनने वाला है। डिपार्टमेंट स्टोर कंपनी जॉन लेविस ने अपने हेड ऑफिस के पूरे स्टाफ के लिए μलैक्सिबल वर्किंग की सुविधा शुरू की है। इसके तहत ऐसे कर्मचारी जो वर्क फ्रॉम होम करने में असमर्थ हैं वे कभी भी ऑफिस आकर अपना काम कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि महामारी ने सभी को यह पुनर्विचार करने के लिए बाध्य कर दिया है कि अब वे पांच दिन तक ऑफिस आने की व्यवस्था का कोई विकल्प सोचें।
पहले असंभव था आज संभव डिपार्टमेंट स्टोर चेन्स पीपुल के डायरेक्टर निक्की हम्फ्री का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम ने यह अहसास करा दिया है कि हम कार्यालयों की संस्कृति में हर वो परिवर्तन ला सकते हैं जो पहले असंभव समझे जाते थे। आउटसोर्सर कैपिटा का कहना है कि उसका 55 हजार स्टाफ अधिकांश समय वर्क फ्रॉम होम कर सकता है। ऑनलाइन रिटेलर वैरी एंड लिटिलवुडस के स्वामित्व वाले वैरी ग्रुप का कहना है कि उनका काम ऑफिस एवं वर्क फ्रॉम होम दोनों के कॉम्बिनेशन में काम कर सकता है।