इन्दौर | वीडियो बनाकर उन्हे इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने का बच्चों और युवाओं पर जबरदस्त खुमार है।कईयों को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है।सोमवार को अपनी इंटरनेट मीडिया वेबसाइट पर कुछ अलग करने के लिए फांसी पर लटकते हुए वीडियो बनाना चाहा, लेकिन किशोर के गले में फंदा गर्दन में फंसते ही स्टूल से पैर फिसल गया और उसकी मौत हो गई।
सुखलिया क्षेत्र स्थित लाहिया कॉलोनी में रहने वाले 16 वर्षीय आदित्य पुत्र देवीलाल नायक ने वीडियो बनाने के शौक के चलते अपनी जान गवां दी।पिता ने बताया कि वे रतलाम के गांव ढोढर रिश्तेदार की शादी में गए थे। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे आदित्य अपने तीन नाबालिग दोस्तों के साथ मिलकर फांसी के फंदे में अपनी गर्दन फंसाकर वीडियो बना रहा था, छत पर लगे पंखा टांगने के एंगल से लाइलोन की रस्सी बांधी और उसने अपनी गर्दन फंदे में फंसा दी और साथियों को वीडियो बनाने के लिए कहा।
इतने में स्टूल फिसल गया और वह फंदे पर टंगा रह गया।आदित्य को तड़पता हुआ देखकर साथी उसका मोबाइल रखकर वहां से भाग गए।कुछ देर बाद ही राजवीर कोचिंग से आ गया और फंदे पर टंगा हुआ देखकर उसने मदद के लिए आवाज लगाई।
जब कोई नहीं आया तो उसने कटर से रस्सी काटी, जिससे आदित्य जमीन पर गिरा।गिरने से आदित्य के सिर में भी चोट लगी है।लोग आए और उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।घटना के बाद रजवीर ने फोन लगाकर सूचना दी तो वे शाम को वापस इंदौर पहुंचे।पिता का कहना है कि आदित्य को वीडियो बनाने का शौक था। वह वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम और फेसबुक पर अपलोड करता रहता था।
पिता को आशंका
- नाबालिग के साथ होने वाली घटना में तीनों बच्चों का पता नहीं लगा सकी पुलिस
- दो दिन में पुलिस रिकार्डिंग भी नहीं निकाल सकी
- वीडियो बनाने के लिए फंदा बनाया था, लेकिन मोबाइल में वीडियो नहीं मिला
- फांसी पर लटकने के दौरान पास में सिलाई मशीन रखी थी, पलंग था फिर भी उसने खुद को बचाने के लिए उस पर पैर नहीं रखा।
- जिस रस्सी का उपयोग किया वह रस्सी भी घर पर मौजूद नहीं थी
सिस्टम पर सवाल: दो दिन से घटना स्थल नहीं पहुंची पुलिस
रस्सी, स्टूल व अन्य सामग्री घटना के बाद से वैसी ही पड़ी है।पुलिस, जांच अधिकारी और एफएसएल के इंताजर में स्वजन भी दो दिन से उस कमरे में नहीं गए।यहां तक की सीसीटीवी फुटेज खंगालने का भी कहा, जिससे कि बच्चों का पता चल सके कि आदित्य के साथ घटना के समय कौन मौजूद था।जांच अधिकारी किशोर कुमार का कहना है कि परिवार शोक में है इसलिए अभी बातचीत नहीं की है।
इंटरनेट एडिक्शन डिसआर्डर के शिकार हो रहे बच्चे
वर्तमान में बच्चे यूट्यूब व इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड करने के आदी हो जा रहे हैं। वीडियो बनाने की जिद में वे कई बार खुद का नुकसान तक कर बैठेते हैं, यह एक प्रकार की बीमारी है, जिसे इंटरनेट एडिक्शन डिस्आर्डर कहते हैं। यदि माता-पिता को लगे कि वे इस तरह की हरकत कर रहे हैं तो संभलें।
डाक्टर मनीष जैन, मनोचिकित्सक