भारत के सफल कप्तानों में से एक और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। सौरव गांगुली वनडे क्रिकेट में विस्फोटक ओपनर के साथ ही टीम इंडिया को बदलने वाले कप्तान के रूप में जाने जाते हैं। खेल जगत में ‘दादा’,’प्रिंस ऑफ कोलकाता’, ‘बंगाल टाइगर’, ‘गॉर्ड ऑफ ऑफसाइड’ जैसे नामों से पहचाने जाने वाले गांगुली को ‘क्रिकेट का मक्का’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान पर भारत की जीत का जश्न मनाने के लिए क्रिकेट फैंस हमेशा याद रखेंगे। गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम की दिशा बदल गई थी।
Here's wishing former #TeamIndia captain & current BCCI President @SGanguly99 a very happy birthday. 🎂 👏 pic.twitter.com/PagJYlhpdH
— BCCI (@BCCI) July 8, 2021
भारत के लिए कप्तानी
गांगुली ने भारत के लिए 146 वनडे मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से टीम को 76 में जीत मिली है। साथ ही उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 49 टेस्ट मैचों में 21 जीत दर्ज की और 15 ड्रॉ खेले हैं। दादा की कप्तानी में ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया के उसके घर में 2001 में लगातार 16 टेस्ट मैच जीतने के रिकॉर्ड को थामा था और उसे 2-1 से हराकर सीरीज जीती थी।
उसके अगले साल ही भारत को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। भारत पर मिली इस शानदार जीत के बाद इंग्लैंड के अनुभवी एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने अपनी शर्ट निकालकर मैदान में दौड़ना शुरू कर दिया था। अपनी कप्तानी में भारत की हार और इस तरह का व्यवहार देखकर गांगुली को रहा नहीं गया और उन्होंने इसका बदला लेने का ठान लिया।
इंग्लैंड को हराकर लिया बदला
‘दादा’ ने बदला लेने के लिए लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान को ही चुना। 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड को हरा दिया। दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में जहीर खान और मोहम्मद कैफ ने जैसे ही जीत का रन पूरा किया, वैसे ही एंड्रयू फ्लिंटॉफ तो निराश होकर पिच पर ही बैठ गए। उधर, ड्रेसिंग रूम में मौजूदा गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी से ही अपनी टी-शर्ट उतारकर उसे लहराना शुरू कर दिया और वानखेड़े का बदला लॉर्ड्स में जाकर पूरा कर लिया। हालांकि मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष ने 2018 में प्रकाशित अपनी किताब (ए सेंचुरी इज नॉट एनफ) में स्वीकार किया कि लॉर्ड्स में उस तरह से जीत का जश्न मनाने का तरीका सही नहीं था।
गांगुली की दादागिरी के कुछ मशहूर हैं किस्से
सौरव गांगुली क्रिकेट को लेकर काफी सीरियस थे। इसीलिए वो मैदान पर बिल्कुल गंभीर अंदाज में नजर आते थे। गांगुली को मैदान पर काफी अधिक गुस्सा आता था। ऐसे कई मौके देखे गए, जब दादा मैच के बीच ही ‘आग-बबूले’ हो जाते थे।
फुटबॉलर बनना चाहते थे गांगुली
गांगुली बचपन से फुटबॉलर बनना चाहते थे लेकिन संयोगवश वह क्रिकेटर बन गए। गांगुली ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें क्रिकेटर बनाने में उनके पिता चंडीदास गांगुली का योगदान था।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने दी बधाई
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और नेटवेस्ट ट्रॉफी के जीत के हीरो मोहम्मद कैफ ने गांगुली को उनके जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा, जब दादा आपको मैदान पर टीम का मार्गदर्शन करते हैं तो हम गर्व महसूस करते थे। उस कप्तान को जन्मदिन की बधाई जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन करने पर आपकी पीठ थपथपाई और ऐसा नहीं करने पर आपके कंधे पर हाथ रखा।’
When Dada led you on to the field, you somehow felt taller. Happy Birthday to the captain who patted your back when you did well and put a hand around your shoulder when you didn’t. #DadaBornleader @SGanguly99 pic.twitter.com/FVRaHySnFI
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) July 7, 2021
कई खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट में किया डेब्यू
गांगुली की कप्तानी में ही कई खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था, इनमें युवराज सिंह, हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और महेंद्र सिंह धोनी शामिल हैं। गांगुली ने भारत के लिए 311 वनडे मैचों में 11,363 रन बनाए हैं और वह देश के वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले तीसरे और दुनिया के आठवे बल्लेबाज हैं। वहीं, 113 टेस्ट मैचों में उनके नाम 7,212 रन दर्ज हैं। गांगुली ने 2008 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट ले लिया था। अक्टूबर 2019 से लेकर अभी तक वह बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर काबिज हैं।