पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन हाईजैक की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। बलूचिस्तान, जो प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, को अक्सर “सोने की चिड़ीया” कहा जाता है। इस इलाके का महत्व न केवल पाकिस्तान के लिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी बढ़ गया है, खासकर चीन के साथ इसके संबंधों के कारण।
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान की एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया, और इसके पीछे जो कारण सामने आ रहे हैं, वे इस क्षेत्र के रणनीतिक महत्व और चीन के निवेश से जुड़े हुए हैं। जानिए इस हाईजैक के पीछे चीन का क्या कनेक्शन है, और क्यों बलूचिस्तान को इतना अहम माना जाता है।
बलूचिस्तान: एक खजाना
बलूचिस्तान का इलाका प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। यहां के विशाल खनिज, गैस, तेल और कोयले के भंडार पाकिस्तान के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा, बलूचिस्तान का भूगोल इसे एक रणनीतिक स्थान बनाता है, खासकर चीन के लिए, जो इस इलाके को अपनी महत्वाकांक्षी “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (BRI) के तहत देख रहा है।
BLA का हमला और चीन कनेक्शन
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) एक स्वतंत्रता संगठित समूह है, जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की मांग करता है। पाकिस्तान की सरकार और सेना द्वारा इस क्षेत्र के संसाधनों के दोहन से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। इसके अलावा, चीन का बलूचिस्तान में बढ़ता प्रभाव और निवेश, खासकर ग्वादर पोर्ट के माध्यम से, बलूचों के बीच असंतोष को और बढ़ा रहा है।
BLA द्वारा ट्रेन हाईजैक की घटना केवल एक सुरक्षा खतरे के रूप में नहीं देखी जा सकती, बल्कि यह बलूचिस्तान में बढ़ते असंतोष और चीनी निवेश के खिलाफ एक प्रतिकार का संकेत है।