The hijab controversy that started from Karnataka gradually spread across the country, Muslim women took to the streets from Aligarh to Malegaon, said - this is our right, they will not take away

कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद धीरे-धीरे देशभर में फैला , अलीगढ़ से मालेगांव तक सड़कों पर उतरीं मुस्लिम महिलाएं, बोलीं- ये हमारा हक, नहीं उतारेंगे

कर्नाटक के उडुपी से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Row) धीरे-धीरे देशभर में फैलता नजर आ रहा है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से लेकर महाराष्ट्र के मालेगांव तक मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन किया है. बुरका पहनकर प्रदर्शन में शामिल हुईं महिलाओं ने बैनर-पोस्टर लेकर हिजाब को सपोर्ट किया है. शुक्रवार को यूपी के अलीगढ़ में मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब के समर्थ में विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिजाब हमारा हक है, हम इसे नहीं उतारेंगे.

इससे पहले गुरुवार को महाराष्ट्र के मालेगांव में हजारों मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन किया था. विरोध के दौरान महिलाओं की तख्तियों में ‘हिजाब हमारा अधिकार है और हिजाब पर प्रतिबंध वापस लो’ जैसे नारे लिखे हुए थे. प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि वे शुक्रवार को मालेगांव में  हिजाब डे मनाएंगी.

मालेगांव के प्रदर्शन का आयोजन गुरुवार को जमीयत-उलेमा-ए-हिंद नामक इस्लामिक संगठन ने किया था. पुलिस ने प्रदर्शन के बाद संस्था से जुड़े 4 लोगों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इस मामले में पुलिस ने मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के स्थानीय विधायक को भी नोटिस जारी किया है. विधायक पर प्रदर्शन में शामिल होने और भाषण देने का आरोप है.

जम्मू-कश्मीर में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन

जम्मू में आरएफए-डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ता हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शिक्षण संस्थानों को राजनीतिक युद्ध का मैदान नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूलों में न तो हिजाब और न ही भगवा शॉल की अनुमति दी जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

कर्नाटक में हिजाब पर विवाद 1 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था. राज्य के उडुपी जिले के महिला प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से यह विवाद शुरू हुआ. यहां मुस्लिम स्कूली छात्राओं को हिजाब पहनकर आने से मना किया गया. मुस्लिम छात्राओं ने इसका विरोध किया. ये बात धीरे-धीरे फैलने लगी और विरोध के तौर पर राज्य के दूसरे कॉलेजों में भी मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर आने लगीं.

हिंदू छात्रों ने इसके विरोध में भगवा शॉल पहनकर क्लास में आना शुरू कर दिया. इस मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने सुनवाई तक विद्यार्थियों को कोई भी धार्मिक पहनावा कॉलेज न पहनकर आने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में भी कई लोगों ने मामले की सुनवाई को लेकर याचिका लगाई हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.

प्रिंसिपल बोले- लगता ही नहीं हमारे कॉलेज की छात्राएं हैं

इस मामले में आज तक से बात करते हुए उडुपी गवर्नमेंट कॉलेज के प्रिंसिपल रुद्र गौड़ा ने कहा था कि विवाद पिछले साल 27 दिसंबर के बाद शुरू हुआ और इसे भड़काने के पीछे कुछ छात्र संगठनों का हाथ है. उन्होंने यहां तक कहा कि अब देखकर लगता ही नहीं है कि वो छात्राएं उन्हीं के कॉलेज की हैं. प्रिंसिपल से पूछा गया कि 31 दिसंबर को क्या कुछ छात्राओं ने उनसे हिजाब पहनकर आने की इजाजत मांगी थी. इसपर प्रिंसिपल ने बताया कि हां ऐसा हुआ था और उन्होंने छात्राओं को बता दिया था कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी है और उनका जवाब ना आने तक बिना हिजाब के आना होगा.

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