सोने और चांदी की कीमतों में 9 जून 2025 को महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। जहां चांदी ने ₹1,05,000 प्रति किलोग्राम का आंकड़ा पार किया, वहीं सोने की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव जारी है। आइए जानते हैं आज के ताजा रेट्स और इसके पीछे के कारणों पर एक विस्तृत नजर।
📈 चांदी की कीमत ₹1,05,000 के पार
आज के दिन चांदी की कीमत ₹1,05,000 प्रति किलोग्राम से ऊपर पहुंच गई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से बढ़ती औद्योगिक मांग और निवेशकों की बढ़ती रुचि के कारण हुई है। भारत में चांदी का उपयोग न केवल आभूषणों में होता है, बल्कि यह औद्योगिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर पैनल निर्माण में।
🟡 सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव
सोने की कीमतों में भी हल्की गिरावट देखी गई है। 24 कैरेट सोने की कीमत ₹96,690 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत ₹89,550 प्रति 10 ग्राम रही। यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी-चीन व्यापार वार्ता के परिणामों का इंतजार करने के कारण हुई है।
📊 प्रमुख शहरों में सोने और चांदी की कीमतें
शहर | 24 कैरेट सोना (₹/10 ग्राम) | चांदी (₹/किलोग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹96,690 | ₹1,05,500 |
मुंबई | ₹96,500 | ₹1,05,300 |
चेन्नई | ₹96,800 | ₹1,05,700 |
बेंगलुरु | ₹96,600 | ₹1,05,400 |
कोलकाता | ₹96,700 | ₹1,05,600 |
📉 वैश्विक कारक और निवेशकों की प्रतिक्रिया
वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी-चीन व्यापार वार्ता के परिणामों का इंतजार किया जा रहा है, जिससे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है। इस अनिश्चितता के कारण, निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने और चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, चांदी की कीमतों में वृद्धि और सोने की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई है।
🛍️ निवेशकों के लिए सुझाव
- सोने में निवेश: यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो वर्तमान में कीमतों में हल्की गिरावट आई है, जो निवेश के लिए उपयुक्त समय हो सकता है।
- चांदी में निवेश: चांदी की कीमतों में वृद्धि जारी रहने की संभावना है, विशेष रूप से औद्योगिक मांग के कारण। यदि आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं, तो चांदी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
आज के दिन सोने और चांदी की कीमतों में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। चांदी ने ₹1,05,000 प्रति किलोग्राम का आंकड़ा पार किया, जबकि सोने की कीमतों में हल्की गिरावट आई है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी-चीन व्यापार वार्ता के परिणामों का इंतजार निवेशकों में अनिश्चितता पैदा कर रहा है। ऐसे में, निवेशकों को सतर्क रहते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।