इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है, जब मुख्य आरोपी राज कुशवाह की दादी की मौत हो गई। परिवार का कहना है कि यह मौत सदमे के कारण हुई है, क्योंकि वह अपने पोते को बेकसूर मानती थीं।
हत्याकांड का घटनाक्रम
राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम 20 मई को हनीमून के लिए मेघालय के शिलांग गए थे। 9 जून को राजा का शव एक झरने के पास गहरी खाई में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई। पुलिस की जांच में पता चला कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। राजा की हत्या के बाद सोनम बुर्का पहनकर फरार हो गई और 14 दिनों तक इंदौर में छिपी रही।
राज की दादी की मौत
राज कुशवाह की दादी की मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार का कहना है कि वह अपने पोते को बेकसूर मानती थीं और लगातार उसकी बेगुनाही की बात करती थीं। उनकी अचानक मृत्यु ने मामले की संवेदनशीलता को और बढ़ा दिया है।
पुलिस की जांच और सबूत
मेघालय पुलिस की एसआईटी ने शिलांग में आरोपियों से क्राइम सीन को फिर से रिक्रिएट कराया। इस दौरान SDRF को हत्या में इस्तेमाल किया गया दूसरा दाओ मिला, जिससे यह साबित हुआ कि हत्या में दो दाओं का उपयोग हुआ था। पुलिस ने इसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
परिवार की प्रतिक्रिया
राजा रघुवंशी के पिता अशोक रघुवंशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरा बेटा तड़प-तड़प कर मरा है। उसकी हत्या के सभी दोषियों को फाँसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि एक नजीर पेश हो और आइंदा किसी माता-पिता को उनका बेटा इस तरह ना खोना पड़े।”
राजा रघुवंशी की हत्या एक जघन्य अपराध है, जिसमें प्रेम, विश्वासघात और साजिश की परतें खुल रही हैं। पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सभी आरोपियों को सजा मिलेगी।