PM Modi's history-making bilateral visit

पीएम मोदी की इतिहास रचने वाली द्विपक्षीय यात्रा

यात्रा का ऐतिहासिक महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वितीय चरण में पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे, जहाँ वे प्रथम बार 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में त्रिनिदाद एवं टोबैगो का द्विपक्षीय दौरा कर रहे हैं। यह यात्रा फरवरी 1999 में हुई द्विपक्षीय बातचीत का स्वागतयोग्य पुनरुत्थान है, और दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

🔹 यात्रा की पृष्ठभूमि और व्यापक कार्यसूची

यह दौरा 2 जुलाई 2025 से शुरू हुई प्रधानमंत्री मोदी की आठ-दिवसीय पांच देशों की यात्रा का दूसरा चरण है, जिसमें वे पहले घाना गए (2-3 जुलाई), फिर 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद एवं टोबैगो, इसके बाद अर्जेंटीना, ब्राज़ील (BRICS सम्मेलन), और अंत में नामीबिया जाएंगे

त्रिनिदाद एवं टोबैगो में मोदी के कार्यक्रम में शामिल हैं:

  • पियार्को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर भव्य स्वागत एवं ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ ।
  • देश की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर द्वारा भारतीय पोशाक में किया गया स्वागत
  • पोर्ट ऑफ स्पेन का रेड हाउस सहित संसद को संबोधित
  • भारतीय मूल नागरिकों के साथ सामाजिक कार्यक्रम, जिसमें भोजपुड़ी चौताल की प्रस्तुति और भावनात्मक जुड़ाव दर्शाया गया
  • राष्ट्रपति क्रिस्टीन कलंगालू के साथ द्विपक्षीय बैठक और मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिडाद एवं टोबैगो’ (ORTT) सम्मान से सम्मानित
  • जमीनी स्तर पर समझौते–स्मरण (MoUs) पर हस्ताक्षर, जिनमें ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) शामिल हैं ।
  • आप्रवासी भारतीयों को छठी पीढ़ी तक OCI (ओवरसीज़ सिटिजन ऑफ़ इंडिया) कार्ड उपलब्ध कराने की घोषणा ।

📌 स्वागत और प्रोटोकॉल

‘गार्ड ऑफ ऑनर’ और भारतीय संस्कृति का संगम

मोदी के आगमन पर अर्धरात्रि यानी स्थानीय सुबह के करीब पियार्को एयरपोर्ट पर आदर और उत्साह से भरा वातावरण था। प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर, उनकी कैबिनेट और सांसद मौजूद थे, जिनके सत्कार में मोदी ने धन्यवाद व्यक्त किया ।

एक रंगारंग स्वागत समारोह में स्थानीय भारतीय समुदाय ने ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी मोदी’ के नारे लगाए, वहीं पारंपरिक भोजपुड़ी चौताल और भजन की प्रस्तुति ने भावनाओं को भड़काया । मोदी ने इसे “हमारा सांस्कृतिक मेल” कहा और इसे “गाँव गलियों से पोर्ट ऑफ स्पेन तक” की प्रेरक यात्रा बताया

🎙️ संसद संबोधन: ग्लोबल साउथ पर विशेष जोर

मोदी ने रेड हाउस (संसद भवन) में संबोधन के दौरान ‘ग्लोबल साउथ’ पर विशेष जोर दिया, यह बतलाते हुए कि भारत तथा त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच विकास सहयोग का केंद्र इस साझा विकास की दिशा में है

उन्होंने कहा:

“India is the fastest growing major economy … We see our development also as our responsibility towards others, and our priority will always be the Global South”

विकास सहयोग के अंतर्गत वे कृषि, AI… और कृत्रिम अंग फिटमेंट कैंप तक का जिक्र करते रहे । यह स्पष्ट संकेत था कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अब मात्र साझेदार नहीं बल्कि ‘स्मार्ट साझेदारी रणनीति’ के साथ अगुवा भूमिका निभाना चाहता है।

🤝 समझौते और रणनीतिक साझेदारी

क्षेत्रीय सहयोग और MoUs

इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में समझौते किए, जिनमें शामिल हैं– ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कृषि, शिक्षा एवं तकनीक, खासकर AI और डिजिटल वित्त में साझेदारी।

आर्थिक व निवेश सहयोग

प्रधानमंत्री पर्साद-बिसेसर ने भारतीय निवेश के लिए चिकित्सा, ऊर्जा और तकनीकी बुनियादी ढांचा (infrastructure) क्षेत्रों में निवेश के अवसर स्वीकारे एवं धन्यवाद व्यक्त किया ।

🌐 सांस्कृतिक और सामाजिक कनेक्शन

भारतीय प्रवासी समुदाय, जिसमें भोजपुड़ी बोलने वाले वंशज मुखर रूप से उपस्थित थे, ने मोदी को भावविभोर किया। मोदी ने इस समुदाय को “देशों का सेतु” बताते हुए उच्च सम्मान दिया ।

उनकी विशेष घोषणा – छठी पीढ़ी तक OCI कार्ड – प्रवासी भारतीयों के लिए नई आशा जगाती है, तथा यह बताती है कि भारत अपनी सांस्कृतिक और मूल संबंधों को कितनी गंभीरता से देखता है ।

🏅 ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक’ सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को यहाँ का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिडाद एवं टोबैगो’ प्रदान किया गया । मोदी ने इसे “अनंत और गहरे मित्रता के प्रतीक” एवं “उचित सम्मान” के रूप में स्वीकारा ।

🗣️ प्रतिक्रिया एवं सार्वजनिक प्रतिक्रिया

सकारात्मक स्वागत

भारतीय मूल समुदाय, हिंदू समूहों और राजनीतिक प्रतिष्ठान ने इस यात्रा को ऐतिहासिक और साहसिक कदम बताया । एक पूर्व मंत्री देवांत महराज ने मोदी को “हीरो” बताया ।

आलोचनाएँ भी उठी

त्रिनिडाद में बड़ी मुस्लिम संस्था ASJA ने मोदी के मानवाधिकार रिकार्ड, खासकर गुजरात के विवादों और कश्मीर हटो स्थिति पर चिंता व्यक्त की ।

🧭 यात्रा का दूरगामी महत्व

  • ग्लोबल साउथ रणनीति: मोदी ने दो देशों के बीच सहयोग को ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनाने के लिए नियोजित किया, एवं विकास साझेदारियों को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की
  • औद्योगिक सहयोग: AI, कृषि मशीनरी, स्वास्थ्य उपकरण एवं डिजिटल वित्त नए अवसरों का द्वार खोलते हैं।
  • डायस्पोरा नीति: मोदी सरकार की नीति में प्रवासी भारतीयों को विशेष दर्जा देना – OCI का विस्तार – भारत की पैतृक-आधारित सॉफ़्ट पावर रणनीति का हिस्सा है।
  • मूल्य आधारित जनसंपर्क: सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, सांसद संबोधन और नागरिक पुरस्कार से भारत–त्रिनिडाद संबंध ‘मूल्यों’ और ‘प्रतिभा’ पर आधारित गहरा संबंध प्राप्त हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी का यह द्विपक्षीय दौरा सिर्फ एक औपचारिक फॉर्मेलिटी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रणनीति का महत्वपूर्ण मार्गदर्शी मोड़ है। इसमें त्रिनिदाद एवं टोबैगो के साथ भारत की साझेदारी को 360 डिग्री दृष्टिकोण में विकसित करने की संभावनाएँ हैं—चाहे वह ऊर्जा, आभासी स्वास्थ्य, कृषि, AI, डायस्पोरा या सांस्कृतिक सहयोग हो।

द्विपक्षीय समझौते, राजनीतिक सम्मान और नागरिक सत्कार ने दोनों देशों के बीच की दूरियां कम की हैं। आने वाले समय में, इस दौरे के फलस्वरूप निवेश, रोजगार, तकनीक, शिक्षा तथा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रणनीतिक समर्थन में नए अध्याय जुड़ेंगे।

यह यात्रा भारतीय विदेश नीति के ‘वैल्यूज + स्ट्रॅटेजी’ आयाम की झलक है—जहां भावनात्मक जुड़ाव और कुटनीतिक दृष्टिपथ का मेल राष्ट्रहित में मजबूती लाता है।

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